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- कब है विजया एकादशी,...
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर एक महीने में दो एकादशी का व्रत आता है जो एक शुक्ल पक्ष में जबकि दूसरा कृष्ण पक्ष को पड़ता है। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी मनाई जाएगी। इस एकादशी में व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की पूजा-आराधना विधि विधान से किया जाता है। मान्यता है जो भी इस वियजा एकादशी के दिन पूरे दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु के नाम का जाप करता है उसको हर एक कार्य में विजय की प्राप्ति होती है। साल भर आने वाली हर एक एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। विजया एकादशी पर भगवान विष्णु का कथा सुनी जाती है जिससे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस विजया एकादशी का महत्व, तिथि, पूजा मुहूर्त और व्रत पारण का समय...
विजया एकादशी 2022 तिथि और पूजा शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 26 फरवरी को विजया एकादशी का उपवास रखा जाएगा। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की इस एकादशी तिथि का प्रारंभ शनिवार, 26 फरवरी को सुबह 10 बजकर 39 मिनट से हो जाएगा, जो अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा विजया एकादशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। विजया एकादशी के दिन पूजा का शुभ शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। वहीं अगर इस दिन राहुकाल की बात करें तो शाम के 04 बजकर 53 मिनट से शाम 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
विजया एकादशी पूजा विधि 2022
विजया एकादशी व्रत की पूजा में सात धान रखने का विधान है अतः एक वेदी बनाकर उस पर सप्त धान रखें। इस पर जल कलश स्थापित कर इसे आम या अशोक के पत्तों से सजाएं। तत्पश्चात भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर पीले पुष्प,ऋतुफल,तुलसी आदि अर्पित कर धूप-दीप से श्री हरि की आरती उतारें। व्रत की सिद्धि के लिए घी का अखंड दीपक जलाएं ,एवं दीपदान करना शुभ माना गया है। इस दिन हरि भक्तों को परनिंदा,छल-कपट,लालच,द्वेष की भावनाओं से दूर रहकर श्री नारायण को ध्यान में रखते हुए भक्ति भाव से व्रत करना चाहिए।
विजया एकादशी 2022 पारण
विजया एकादशी का व्रत रखने वाले व्रती व्रत का पारण 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 48 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट के बीच कर लेना चाहिए। इसके बाद द्वादशी तिथि का समापन सूर्योदय के पहले होगा।