धर्म-अध्यात्म

विजय दशमी कब है, जानें क्यों सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए रावण दहन

Subhi
16 Sep 2022 5:21 AM GMT
विजय दशमी कब है, जानें क्यों सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए रावण दहन
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नौ दिनों के शारदीय नवरात्रि के बाद दशमी तिथि को दशहरा या विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस पर विजय प्राप्त की थी।

नौ दिनों के शारदीय नवरात्रि के बाद दशमी तिथि को दशहरा या विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस पर विजय प्राप्त की थी। दशहरे के दिन नया काम शुरू करना, गाड़ी और अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना शुभ माना जाता है। जानें इस साल कब है दशहरा-

दशहरा 2022 कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्वन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार मनाते हैं। इस साल दशमी तिथि 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 5 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, विजयदशमी 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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सूर्यास्त के बाद करना चाहिए रावण दहन-

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, रावण दहन हमेशा सूर्यास्त के बाद ही किया जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, रात्रि के समय को रावण दहन के लिए उत्तम माना जाता है। इसलिए दशहरा पूजा भी सूर्यास्त के समय या बाद में की जानी चाहिए। कहते हैं कि रावण दहन से रोग, दोष, शोक, संकट और ग्रहों की विपरीत स्थिति से मुक्ति मिलती है। दशहरा के दिन रावण दहन इसलिए ही जरूरी माना जाता है।

पूजा- विधि

पूजन के दौरान शमी के कुछ पत्ते तोड़कर उन्हें अपने पूजा घर में रखें। इसके बाद एक लाल कपड़े में अक्षत, एक सुपारी और शमी की कुछ पत्तियों को डालकर उसकी एक पोटली बना लें। इस पोटली को घर के किसी बड़े व्यक्ति से ग्रहण करके भगवान श्री राम की परिक्रमा करने से लाभ मिलता है।


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