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धर्म-अध्यात्म
वसंत पंचमी कब है? जानें कैसे हुई मां सरस्वती की उत्पत्ति और उनके विभिन्न नाम
Tulsi Rao
23 Jan 2022 6:32 PM GMT
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आइए जानते हैं कैसे हुई थी मां सरस्वती की उत्पत्ति और उनके विभिन्न नामों के बारे में.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। When Is Basant Panchami 2022: हिंदू धर्म में हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंच पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल 5 फरवरी 2022 में वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती या शारदे की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने का विधान है. इन्हें संगीत की देवी के नाम से भी जाना जाता है. बिहार, बंगाल और झारखंड में वसंत पंचमी के दिन विशेष आयोजन किए जाते हैं. साथ ही, देश के कई हिस्सों में वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. आइए जानते हैं कैसे हुई थी मां सरस्वती की उत्पत्ति और उनके विभिन्न नामों के बारे में.
वसंत पंचमी की कथा (Basant Panchami Katha)
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मानव रचना के समय पृथ्वीलोक मौन था. धरती पर किसी प्रकार की कोई ध्वनि नहीं थी. यह शांति देख त्रिदेव हैरान होकर एक दूसरे को देखने लगे, क्योंकि वे सृष्टि की इस रचना से संतुष्ट नहीं थे. उन्हें लग रहा था कि इसमें किसी चीज की कमी रह गई है. इसी के चलते पृथ्वीलोक पर मौन व्याप्त है. तभी ब्रह्मा जी ने शिवजी और विष्णुजी से आज्ञा ली और अपने कमंडल से जल अंजलि में भरकर कुछ उच्चारण किया और पृथ्वी पर छिड़क दिया.
ऐसा करते ही उस जगह कंपन शुरू हो गया और उस स्थान से एक शक्ति का प्रादुर्भाव हुआ. वहां एक शक्तिरूपी माता के एक हाथ में वीणा, दूसरा हाथ तथास्तु मुद्रा में था. इतना ही नहीं, उनके अन्य दोनों हाथों में पुस्तक और माला थी. माता को देख त्रिदेवों ने देवी को प्रणाम किया. और उनसे वीणा बजाने की प्रार्थना की. त्रिदेवों की प्रार्थना के बाद मां ने वीणा बजानी शुरू कर दी. जिससे तीनों लोकों में वीणा का मधुरनाद होने लगा. इससे पृथ्वी लोक के सभी जीव जंतु और जन भाव विभोर हो गए. ऐसा होने से लोकों में चंचलता आई. उस समय त्रिदेव ने मां को शारदे-सरस्वती, संगीत की देवी का नाम दिया.
मां सरस्वती के अन्य नाम (Know Maa Saraswati Names)
मां सरस्वती के ये नाम त्रिदेवों द्वारा दिए गए हैं. उन्हें मां शारदे, मां वीणापाणि, वीणावादनी, मां बागेश्वरी, मां भगवती और मां वाग्यदेवी आदि नामों से जाना जाता है. मां के साधक उद्घोष और जयकारा कर मां का आह्वान करते हैं.
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