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पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है. इस दिन वाराणसी में विशेष तौर पर गंगा नदी के तट पर पूजा पाठ और दीप दान किया जाता है. ऐसे करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मां गंगा का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन काशी के सभी मंदिर और घाट दीपों की रोशनी से जगमग होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवी और देवता काशी में दीप जलाते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं देव दीपावली की तिथि और मुहूर्त के बारे में.
देव दीपावली तिथि 2022
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 07 नवंबर दिन सोमवार को शाम 04 बजकर 15 मिनट से हो रहा है और यह तिथि अगले दिन 08 नवंबर को शाम 04 बजकर 31 मिनट तक मान्य रहेगी. देव दीपावली के लिए कार्तिक पूर्णिमा तिथि को प्रदोष काल में मुहूर्त 07 नवंबर को प्राप्त हो रहा है, इसलिए देव दीपावली 07 नवंबर को मनाई जाएगी.
देव दीपावली मुहूर्त 2022
07 नवंबर को देव दीपावली का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 14 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 49 मिनट तक है. इस दिन देव दीपावली के लिए ढाई घंटे से अधिक का शुभ समय प्राप्त हो रहा है.
सिद्ध और रवि योग में देव दीपावली
देव दीपावली के अवसर पर रवि योग और सिद्ध योग बन रहा है. 07 नवंबर को प्रात:काल से लेकर रात 10 बजकर 37 मिनट तक सिद्ध योग है. वहीं इस दिन रवि योग प्रात: 06 बजकर 37 मिनट से देर रात 12 बजकर 37 मिनट तक है. ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं.
देव दीपावली का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रिपुरासुर राक्षस के अत्याचार और अधर्म से तीनों लोकों में हाहाकार मचा हुआ था, तब सभी देवों ने इससे मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की. इस पर भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरासुर का वध कर दिया. इससे प्रसन्न होकर सभी देवी और देवता भगवान शिव की नगरी काशी में आए. सभी ने उत्सव मनाया और दीप दान किया. तब से ही हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई जाती है.
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ऐसा माना जाता है कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर सभी देवी और देवता काशी में आते हैं और दीप दान करते हैं. इस दिन काशी में शिव पूजा करने और दीप दान का विशेष महत्व है.