- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- कब होती है मां...
धर्म-अध्यात्म
कब होती है मां कात्यायनी की पूजा, जानिए इसकी तिथि, समय, महत्व, मंत्र
Shiddhant Shriwas
10 Oct 2021 10:37 AM GMT
![कब होती है मां कात्यायनी की पूजा, जानिए इसकी तिथि, समय, महत्व, मंत्र कब होती है मां कात्यायनी की पूजा, जानिए इसकी तिथि, समय, महत्व, मंत्र](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/10/10/1348359--.webp)
x
ये नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है जिसे पूरे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। व्रत रखने से लेकर माता की पूजा करने तक, भक्त कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं क्योंकि हम 2021 के नवरात्रि के 6वें दिन में प्रवेश कर रहे हैं. हां, 7 अक्टूबर को शुरू हुआ विशेष हिंदू त्योहार 6वें दिन में प्रवेश करने के लिए तैयार है, जो मां कात्यायनी को समर्पित है.
उन्हें योद्धा देवी के रूप में भी जाना जाता है जो माता पार्वती का एक रूप हैं. माता पार्वती ने महिषासुर राक्षस को मारने के लिए ये अवतार लिया था और इसीलिए उन्हें महिषासुरमर्दिनी (महिषासुर का वध करने वाली) के रूप में भी पूजा जाता है.
इस बीच, शारदीय नवरात्रि के बारे में बात करते हुए, ये सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, ये ग्रेगोरियन कैलेंडर के सितंबर/अक्टूबर के महीनों के दौरान आता है. हिन्दू चंद्र पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से इसकी शुरुआत होती है.
ये नौ दिनों तक चलने वाला त्योहार है जिसे पूरे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. माता दुर्गा के नौ अवतारों में, नवरात्रि का प्रत्येक दिन एक रूप को समर्पित है.
मां कात्यायनी : तिथि और समय
षष्ठी तिथि 11 अक्टूबर 2021 को पड़ रही है.
षष्ठी तिथि 23:50 तक
सूर्योदय 06:19
सूर्यास्त 17:55
मां कात्यायनी: महत्व
वामन पुराण में दर्शाया गया है कि राक्षस महिषासुर को मारने के लिए, सहज क्रोध से, देवताओं की ऊर्जा किरणें ऋषि कात्यायन के आश्रम में संयुक्त और क्रिस्टलीकृत हुईं, जहां उन्होंने इसे देवी का उचित रूप दिया. कात्यायन की पुत्री के रूप में कात्यायनी नाम दिया गया है.
माता का वर्णन मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य भाग में मिलता है जिसका श्रेय ऋषि मार्कंडेय को जाता है. उन्हें मां दुर्गा के आदि शक्ति स्वरूप के रूप में पूजा जाता है. अविवाहित लड़कियां व्रत रखती हैं और मनचाहा पति पाने के लिए इस रूप की पूजा करती हैं.
मां कात्यायनी चार हाथों वाली हैं जो कि सिंह पर सवार होती हैं. दो हाथों में वो खड्ग (लंबी तलवार) और फूल कमल धारण करती है. दूसरे हाथ अभयमुद्रा और वरदमुद्रा में हैं. लाल ड्रेस में लिपटी हैं मां कात्यायनी. वो लाल रंग और बृहस्पति ग्रह से जुड़ी हुई हैं.
मां कात्यायनी: मंत्र:
ऊं देवी कात्यायनयै नम:
ध्यान मंत्र
स्वर्णग्य चक्र स्थिति:
षष्टम दुर्गा त्रिनेत्रम।
वरभीत करम षडगपदमधरम कात्यायनसुतम भजमी
मां कात्यायनी: पूजा विधि
– भक्तों को जल्दी स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनने चाहिए.
– पूजा स्थल की सफाई की जाती है और ताजे फूल बदले जाते हैं.
– कलश और देवी की मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाया जाता है.
– दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है, देवी मंत्र का जाप किया जाता है.
– माता की आरती की जाती है.
– प्रसाद चढ़ाकर सबके बीच बांटा जाता है.
![Shiddhant Shriwas Shiddhant Shriwas](/images/authorplaceholder.jpg?type=1&v=2)
Shiddhant Shriwas
Next Story