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धर्म-अध्यात्म
कब है मार्च का दूसरा प्रदोष व्रत, उपवास का समय व शुभ मुहूर्त
Tara Tandi
20 March 2021 7:19 AM GMT
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प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान होता है. इस दिन शिवालयों में भीड़ उमड़ती है. श्रद्धालु भगवान शंकर की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं
जनता से रिश्ता विब्डेस्क | प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान होता है. इस दिन शिवालयों में भीड़ उमड़ती है. श्रद्धालु भगवान शंकर की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं. वैसे तो सोमवार का दिन भगवान शंकर को समर्पित है लेकिन 'प्रदोष व्रत' शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. हालांकि, 'प्रदोष व्रत' को लेकर इस दिन का महत्व बहुत ही अधिक माना जाता है.
पंचांग के अनुसार, मार्च 2021 का दूसरा प्रदोष व्रत 26 मार्च को है. 26 मार्च दिन शुक्रवार को फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. हर माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं पहला कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखने का विधान है. इस दिन अगर आप भगवान शिव की पूजा-अर्चना सच्चे मन से करते हैं तो आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
भगवान शिव के साथ माता पार्वती और गणपति की भी होती है पूजा
प्रदोष व्रत को लेकर ऐसा माना जाता है कि केवल भगवान शिव की ही पूजा इस दिन करने का विधान है जबकि ऐसा नहीं है. आप अगर भगवान शिव के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करते हैं तो इससे पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है.
जानिए 'प्रदोष व्रत' की पूजा विधि
भगवान शंकर बड़े ही दयालु हैं. वो हर किसी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. 'प्रदोष व्रत' के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में ही करने का विधान है. बता दें कि, 'प्रदोष काल' सूर्यास्त के बाद ही आरंभ होता है. पंचांग के अनुसार, प्रदोष काल पर त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ प्रात: 08 बजकर 21 मिनट पर होगा जबकि समापन 27 मार्च दिन शनिवार को प्रात: 06 बजकर 11 मिनट पर होगा.
आपको इस दिन भगवान शिव को उनके प्रिय वस्तुओं से पूजा करनी चाहिए. साथ ही पूजा के दौरान उनका जलाभिषेक करें और मंत्रों का भी जाप करें. उनकी आरती अवश्य करें. जब व्रत समाप्त होने के उपरांत भोजन ग्रहण करें.
प्रदोष व्रत का समय
'प्रदोश व्रत' 26 मार्च दिन शुक्रवार को सायं 06 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर रात्रि 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगा.
भगवान शंकर की प्रिय वस्तुओं का करें अर्पण
भगवान शंकर के इस दिन को उन्हें उनकी रुचि की वस्तुओं का चढ़ावा चढ़ाएं. इसमें आप कोई भी पांच तरह का फल हो सकता है. इसके साथ ही घी, दही, शक्कर, गाय का दूध, अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, धतूरा, बेलपत्र, दीपक और कपूर भी चढ़ाएं. इन सभी वस्तुओं को चढ़ाने से भगवान शंकर अत्यंत प्रसन्न होंगे और आपकी सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे.
Tara Tandi
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