- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- Sawan Amavasya कब है,...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हर माह में एक बार अमावस्या पड़ती है।हर माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। इस समय सावन का महीना चल रहा है। सावन में पड़ने वाली अमावस्या को सावन या श्रावण अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है। सावन अमावस्या के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन विष्णु भगवान की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्य के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं श्रावण अमावस्या डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और महत्व
श्रावण अमावस्या डेट
इस साल 8 अगस्त, रविवार को श्रावण अमावस्या है।
शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए मकर, कुंभ, धनु, मिथुन और तुला राशि वाले शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं ये चीजें
श्रावण अमावस्या मुहूर्त
श्रावण, कृष्ण अमावस्या प्रारम्भ - 07:11 पी एम, अगस्त 07
श्रावण, कृष्ण अमावस्या समाप्त - 07:19 पी एम, अगस्त 08
श्रावण अमावस्या का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है।
इस पावन तिथि पर पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है।
इस पावन दिन दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।
सूर्य और बुध की युति बदल देगी इन राशियों का भाग्य, मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में होगी वृद्धि
पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है, लेकिन इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर से बाहर जाने से बचें। इस समय घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सूर्य देव को अर्घ्य दें।
अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।