धर्म-अध्यात्म

आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी कब है, जानिए पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Tara Tandi
23 Sep 2021 2:26 AM GMT
आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी कब है,  जानिए पूजा मुहूर्त एवं महत्व
x
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज से आश्विन मास का प्रारंभ हुआ है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज से आश्विन मास का प्रारंभ हुआ है। आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी या गणेश चतुर्थी तीन दिन बाद चतुर्थी तिथि को है। अर्थात् आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी 24 सितंबर दिन शुक्रवार को है। इस चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। एक मास में दो बार चतुर्थी तिथि आती है, जिसमें गणपति की पूजा की जाती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी कहा जाता हैं और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। आइए जानते हैं आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी की सही तिथि एवं चंद्र दर्शन के समय के बारे में।

सितंबर की संकष्टी चतुर्थी 2021

हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 24 सितंबर दिन शुक्रवार को प्रात: 08 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। इसका समापन 25 सितंबर दिन शनिवार को सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर होना है। चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा दोपहर में होती है, ऐसे में आप राहुकाल का ध्यान रखकर गणपति पूजा करें।

संकष्टी चतुर्थी 2021 पूजा मुहूर्त

संकष्टी चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। 24 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 10 मिनट से सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है। इस दिन राहुकाल दिन में 10 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक है।

इस दिन आप अभिजित मुहूर्त या फिर विजय मुहूर्त में गणेश जी की पूजा कर सकते हैं। इस दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक है। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से दोपहर 03 बजकर 02 मिनट तक है।

संकष्टी चतुर्थी 2021 चंद्र दर्शन का समय

आश्विन मास की संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन किया जाता है और उसे जल अर्पित किया जाता है। 24 सितंबर के दिन चंद्रमा के उदय होने का समय रात 08 बजकर 20 मिनट पर है। इस समय पर आप चंद्रमा का दर्शन कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


Next Story