धर्म-अध्यात्म

कब है इस साल की अंतिम संकष्टी चतुर्थी.....जाने शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

Bhumika Sahu
20 Dec 2021 5:14 AM GMT
कब है इस साल की अंतिम संकष्टी चतुर्थी.....जाने शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
x
हर माह दो चतुर्थी तिथि पड़ती हैं, दोनों ही तिथियां गजानन गणपति को समर्पित हैं. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साल 2021 अब खत्म होने वाला है, ऐसे में इस साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी का व्रत भी भक्तों के लिए आ गया है. आपको बता दें कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) के बाद पौष माह (Paush Month) की शुरुआत हो चुकी है. पौष माह की चतुर्थी तिथि (Paush Month Chaturthi Tithi) को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2021) को भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाएंगे. संकष्टी चतुर्थी भगवान श्री गणेश जी (Lord Ganesha Puja) को समर्पित बहुत पुण्य से भरा दिन होता है.

इस दिन भक्त संकटों को हरने के लिए श्री गणेश की पूरी विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना करते हैं. कहते हैं कि अगर इस दिन प्रभु से जो मनोकामना पूरी करने को कहा जाए वो बस मिलता है. इस बार पौष माह में 22 दिसंबर के दिन चतुर्थी का व्रत (Chaturthi Vrat) रखा जाएगा. संकष्टी चतुर्थी का व्रत (Sankashti Chaturthi Vrat 2021) इस साल का आखिरी व्रत है. खास बात ये है कि संकष्टी चतुर्थी को चंद्रमा की पूजा का भी (Chandrama Puja) का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त और चंद्रमा का उदय समय.
संकष्टी चतुर्थी 2021 तिथि और पूजा मुहूर्त (Sankashti Chaturthi Tithi and Puja Muhurat)
पौष माह (Paush Month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 22 दिसंबर दिन बुधवार को शाम को 04:52 बजे से शुरु होगी. जबकि इस तिथि का समापन 23 दिसंबर दिन गुरुवार को शाम को 06:27 बजे पर होगा. संकष्टी चतुर्थी तिथि (Sankashti Chaturthi 2021) में तिथि में ही चंद्रमा की पूजा का महत्व है, इसलिए चंद्रोदय 22 दिसंबर को होगा, और इसी दिन इस पूजा को किया जाएगा. इस दिन आप सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे के मध्य तक भगवान श्रीगणेश की पूजा कर सकते हैं.
संकष्टी चतुर्थी 2021 के दिन चंद्रोदय समय (Sankashti Chaturthi Moonrise Time)
22 दिसंबर को होने वाली संकष्टी चतुर्थी में चंद्रमा रात 08:12 बजे उदय होगा. इन दिन चंद्र देव का दर्शन करना बहुत ही पुनीत माना जाता है. कहते हैं कि बिना चंद्र दर्शन के ये व्रत अधूरा रहता है. इस दिन चंद्रमाको जल अर्पित करने के बाद ही पारण किया जाता है. संकष्टी चतुर्थी व्रत रखने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. भ
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Sankashti Chaturthi Puja Vidhi)
संकष्टी चतुर्थी के दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके साफ़ और धुले हुए कपड़े पहनें. कहते हैं कि अगर इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करते हैं तो ये बेहद शुभ होता है. इसके बाद गणपति की पूजा कीजिए और इस समय आपको अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए. गणपति को फल और फूल चढ़ाएं. पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धूप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रखें.
पूरे दिन भगवान को याद करते हुए व्रत रखें और फिर शाम के समय चांद के निकलने से पहले गणेश जी की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा पढ़ें, फिर चंद्रमा को जल समर्पित करके व्रत को पूरा करें.


Next Story