धर्म-अध्यात्म

इस साल का आखिरी मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब है, जानें पूजा विधि और इनके शुभ मुहर्त

Tara Tandi
29 Dec 2020 8:02 AM GMT
इस साल का आखिरी मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब है, जानें पूजा विधि और इनके शुभ मुहर्त
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पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण होता है।

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण होता है। सूर्य और चंद्रमा समसप्तक अवस्था में होते हैं। कहा जाता है कि पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रमा होते हैं। इस दिन हर तरह की मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। पूर्णिमा तिथि के दिन दान, स्नान और ध्यान का विशेष महत्व होता है। इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 30 दिसंबर को है। यह साल की आखिरी पूर्णिमा है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त-

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 29 दिसंबर को शाम 7 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और 30 दिसंबर को रात 8 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी।

जानिए पूर्णिमा की खास बातें-

चंद्रमा अपनी सबसे मजबूत स्थिति में होगा।

पूर्णिमा को स्नान और दान करने से चंद्र दोष दूर होता है।

पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से घर में खुशहाली आती है।

अमृत और अमरता का कारक चंद्रमा बलवान होता है।

आर्थिक स्थिति मजबूत होती जाती है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन कैसे करें स्नान और ध्यान-

स्नान के बाद संकल्प लें।

जल में तुलसी के पत्ते डालें।

जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें।

इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।

अब सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें।

मंत्र जाप के बाद सफेद वस्तुओं और जल का दान करें।

रात को चंद्रमा को अर्घ्य जरूर दें।

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