धर्म-अध्यात्म

कामनाओं का कार्तिक मास कब से शुरु हो रहा है, जाने नियम

Bhumika Sahu
15 Oct 2021 5:53 AM GMT
कामनाओं का कार्तिक मास कब से शुरु हो रहा है, जाने नियम
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सनातन परंपरा के अनुसार प्रत्‍येक मास का अपना एक धार्मिक महत्‍व होता है, लेकिन कार्तिक मास को भगवान भगवान विष्णु एवं विष्णु तीर्थ के समान ही कल्याणकारी माना गया है. कार्तिक मास का महत्व एवं संपूर्ण पूजा विधि जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पुराणों के अनुसार, सभी मासों का कुछ न कुछ विशेष महत्व है, लेकिन कार्तिक मास की महिमा बहुत ज्यादा बताई गई है. कार्तिक हिंदी पंचाग का आठवां महीना है. इस साल कार्तिक मास 21 अक्टूबर 2021 से प्रारंभ होकर 19 नबंवर 2021 तक रहेगा. कार्तिक मास के महत्व को स्कंद पुराण में विस्तार से बताया गया है. न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगं, न वेदं सदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समं. अर्थात् कार्तिक के समान कोई मास नहीं है, सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं. इस मास को रोगनाशक मास कहा जाता है, जबकि वहीं सद्बुद्धि प्राप्त करने वाला, लक्ष्मी प्राप्त कराने वाला, मुक्ति प्राप्त कराने वाला मास भी कहा जाता है.

पूरे कार्तिक मास ब्रह्म मुहूर्त में ही करें स्नान
कार्तिक मास में यमुना नदी या फिर किसी पवित्र नदी में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता हैं. इस पावन पुण्यदायी मास में घर की महिलायें सुबह जल्दी उठ स्नान करती हैं, यह स्नान कुंवारी एवं शादीशुदा महिलाओं दोनों के लिए विशेष शुभ माना जाता है. यदि आप नदी के किनारे स्नान करने में असमर्थ हैं तो अपने नहाने के पानी में किसी पवित्र नदी का जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.
कार्तिक मास में जरूर करें तुलसी पूजन
सनातन परंपरा में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है. जिसकी पूजा वैसे तो हम सभी पूरे साल करते हैं, लेकिन कार्तिक मास में इसकी आराधना का विशेष महत्व है. आयुर्वेद में तुलसी को रोगहर कहा गया है और दूसरी ओर यह तुलसी यमदूतों के भय से मुक्ति प्रदान करती है. कार्तिक मास में एक मास तक तुलसी के सामने दीपदान करने पर अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है.
कार्तिक मास में दीपदान का है बहुत महत्व
कार्तिक मासह में दीप दान का बहुत महत्व होता है. इस पूरे मास में प्रतिदिन किसी पवित्र नदी या तीर्थ स्थल या मंदिर या फिर घर में रखी हुई तुलसी के पास दीपदान का बहुत महत्व है. दीपदान शरद पूर्णिमा से प्रारंभ होकर कार्तिक पूर्णिमा प्रतिदिन किया जाता है. मान्यता है कि दीपदान से सिर्फ घर का ही नहीं जीवन का अंधेरा भी दूर होता है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर साधक के घर को धन-धान्य से भर देती हैं.
कार्तिक माह में इन चीजों का करें दान
प्रत्येक मास की तरह कार्तिक मास में कुछ चीजों के दान का विशेष महत्व है. इस पूरे मास में ब्राह्मण या फिर किसी जरूरतमंद को दान देने का बहुत पुण्य फल मिलता है. कार्तिक मास में तुलसी दान, अन्न दान, गाय दान एवम आंवले के पौधे के दान का विशेष महत्व है.


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