धर्म-अध्यात्म

सावन अधिक मास पूर्णिमा कब है, जानें स्नान-दान मुहूर्त

Manish Sahu
22 July 2023 10:19 AM GMT
सावन अधिक मास पूर्णिमा कब है, जानें स्नान-दान मुहूर्त
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धर्म अध्यात्म: इस साल अधिक मास लगने की वजह से सावन की दो पूर्णिमा हैं. सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा और स्नान-दान किया जाएगा. पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. इस दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, पाप से मुक्ति मिलती है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि सावन अधिक मास की पूर्णिमा कब है? स्नान और दान का मुहूर्त क्या है?
सावन अधिक मास पूर्णिमा 2023 तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस समय सावन के अधिक मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है. 1 अगस्त दिन मंगलवार को सुबह 03 बजकर 51 मिनट से सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी. यह तिथि 1 अगस्त की देर रात 12 बजकर 01 मिनट तक मान्य है. ऐसे में सावन अधिक मास पूर्णिमा 1 अगस्त को है.
सावन अधिक मास पूर्णिमा 2023 स्नान-दान मुहूर्त
पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त से ही लोग स्नान-दान करने लगते हैं. सावन अधिक मास पूर्णिमा का ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04:18 बजे से लेकर प्रात: 05:00 बजे तक है. इसके बाद सुबह 09:05 बजे से दोपहर 02:09 बजे तक अच्छा समय है.
सावन अधिक मास पूर्णिमा 2023 चंद्रोदय
अधिक मास की पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 07 बजकर 16 मिनट पर होगा.
2 शुभ योग में है सावन अधिक मास पूर्णिमा
सावन अधिक मास पूर्णिमा पर 2 शुभ योग बन रहे हैं. 1 अगस्त मंगलवार को प्रात:काल से लेकर सुबह 06 बजकर 53 मिनट तक प्रीति योग है और उसके बाद से आयुष्मान योग प्रारंभ हो जाएगा, जो पूरे दिन है. उस दिन का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक है.
सुबह से दोपहर तक भद्रा
1 अगस्त को भद्रा सुबह 05 बजकर 42 मिनट से लग रही है और दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक रहेगी. उस दिन का राहुकाल दोपहर 03 बजकर 50 मिनट से शाम 05 बजकर 31 मिनट तक है.
सावन अधिक मास पूर्णिमा के दिन मंगला गौरी व्रत का भी संयोग बना है. मंगला गौरी व्रत सुहागन महिलाएं रखती है और वे माता गौरी की पूजा करती हैं. मां गौरी के आशीर्वाद से पति को लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन प्राप्त होता है.
पूर्णिमा का महत्व
पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान और चंद्रमा की पूजा करते हैं. चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली में चंद्र की स्थिति मजबूत होती है. चंद्र दोष दूर होता है, इससे व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है. पूर्णिमा के दिन आप चावल, सफेद वस्त्र, दूध, खीर, चांदी आदि का दान कर सकते हैं. ये चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं.
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