धर्म-अध्यात्म

कब है साल का पहला गुरु प्रदोष व्रत

Khushboo Dhruw
30 Jan 2023 3:51 PM GMT
कब है साल का पहला गुरु प्रदोष व्रत
x
भगवान भोलेनाथ को समर्पित त्रयोदशी तिथि प्रत्येक माह 2 बार आती है। इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर के भक्त विधि-विधान से व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। इस बार गुरु प्रदोष व्रत 2 फरवरी को रखा जाएगा। गुरुवार को होने की वजह से इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर के साथ माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा प्रदोष काल अर्थात संध्याकाल में की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से शिव जी और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही व्यक्ति के जीवन में खुशियां आती हैं । आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत की तिथि शुभ मुहूर्त और पूजा विधि और महत्व के बारे में।
गुरु प्रदोष व्रत तिथि
गुरु प्रदोष व्रत का आरंभ: 02 फरवरी 2023, सायं 04:25 मिनट से
गुरु प्रदोष व्रत समाप्त:03 फरवरी सायं 06: 58 मिनट पर होगा।
गुरु प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
गुरु प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त: सायं 06:02 मिनट से रात्रि 08:37 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त 2 घंंटे से ज्यादा रहेगा।
2 फरवरी को रखा जाएगा गुरु प्रदोष व्रत4 of 5
गुरू प्रदोष व्रत का महत्व
भगवान शिव को समर्पित वैसे तो सभी प्रदोष का अपना महत्व है। लेकिन गुरु प्रदोष व्रत को करने से रोग, ग्रह दोष, कष्ट, पाप आदि से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस व्रत के पुण्य प्रभाव से नि:संतान लोगों को पुत्र भी प्राप्त होता है। भगवान शिव शंकर की कृपा से धन, धान्य, सुख, समृद्धि से जीवन परिपूर्ण रहता है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष के दिन प्रातःजल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान भोलेनाथ के समक्ष दीपक जलाकर प्रदोष व्रत का संकल्प लें।
संध्या के समय शुभ मुहूर्त में पूजा आरम्भ करें।
पूजा के दौरान भगवान भोलेनाथ जे शिवलिंग रूप का गाय के दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल आदि से अभिषेक करें।
इसके बाद फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें।
इसके बाद विधिपूर्वक पूजन करें और अपने व्रत का पारण करें।
Next Story