धर्म-अध्यात्म

कब है सोमवती अमावस्या? जानें मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

SANTOSI TANDI
14 July 2023 7:11 AM GMT
कब है सोमवती अमावस्या? जानें मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
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जानें मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व माना जाता है।
पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 अमावस्या तिथियां पड़ती हैं। इसी कड़ी में आती है सावन माह की अमावस्या जो सोमवती अमावस्या कहलाती है।
ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर जानते हैं सोमवती अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
सोमवती अमावस्या 2023 तिथि
सावन सोमवती अमावस्या तिथि आरंभ: 16 जुलाई, दिन रविवार, रात 10 बजकर 8 मिनट
सावन सोमवती अमावस्या तिथि समापन: 17 जुलाई, दिन सोमवार (सोमवार को न करें ये काम), रात 12 बजकर 1 मिनट
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, सावन की सोमवती अमावस्या दिन 17 जुलाई को पड़ेगी।
सोमवती अमावस्या 2023 मुहूर्त (Somvati Amavasya 2023 Muhurat)
सोमवती अमावस्या के दिन हर्षण योग, पुनर्वसु नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं।
हर्षण योग सुबह 7 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और पुनर्वसु नक्षत्र पूरे दिन रहेगा।
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 16 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक है।
ऐसे में सर्वार्थ सिद्ध योग में सोमवती अमावस्या की पूजा करना बहुत शुभ होगा।
सोमवती अमावस्या 2023 पूजा विधि (Somvati Amavasya 2023 Puja Vidhi)
प्रातः गंगा में सना करें या स्नान के पानी में गंगाजल डालकर नहाएं।
इसके बाद सूर्य देव को जल में काले तिल डालकर अर्घ्य दें।
सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें और सूर्य चालीसा का पाठ करें।
इस दिन 'आदित्यहृदय स्तोत्र' का पाठ करने न भूलें।
इसके बाद भगवान शिव की विधिवत पूजा करें।
शिवलिंग पर जल, दूध और काले तिल चढ़ाएं।
बेलपत्र, भांग, धतूरा, और फूल आदि अर्पित करें।
भगवान शिव का ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें।
शिवलिंग के सामने 'शिव स्तोत्र' का पाठ भी करें।
सोमवती अमावस्या 2023 महत्व
अमावस्या तिथि अगर सोमवार के दिन पड़ जाए तो इसे बहुत शुभ माना जाता है।
ठीक ऐसे ही सावन की सोमवती अमावस्या दूसरे सोमवार के दिन पड़ रही है।
इसलिए इस बार सोमवती अमावस्या का महत्व और भी कई गुना ज्यादा बढ़ गया है।
मान्यता कि सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव का पूजन शुभ होता है।
सुहागिन महिलाओं का इस दिन शिव पूजन करना उन्हें अखंड सौभग्य दिलाता है।
पति की बुरी शक्तियों से रक्षा होती है और संतान के लिए उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
यहां आप भी सोमवती अमावस्या से जुड़ी समस्त जानकारी पढ़ सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
साल में कितनी अमावस्याएं आती हैं?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 अमावस्या तिथियां पड़ती हैं।
अमावस्या का खास मंत्र क्या है?
अमावस्या के दिन हर विध्न को दूर करने के लिए 'ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
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