धर्म-अध्यात्म

कब है स्कंद षष्ठी, जानिए इसका महत्व

Triveni
7 March 2021 5:03 AM GMT
कब है स्कंद षष्ठी, जानिए इसका महत्व
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हिंदू पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी का व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू पंचांग के अनुसार, स्कंद षष्ठी का व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है। यह फाल्गुन माह चल रहा है और इस माह की यह तिथि 19 मार्च को पड़ रही है। इस दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र यानी भगवान कुमार कार्तिकेय की अराधना की जाती है। भगवान कार्तिकेय को स्कंद भी कहा जाता है। यही कारण है कि इस तिथि को स्कंद षष्ठी कहा जाता है। मान्यता है कि अगर इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाए तो व्यक्ति की सभी कठिनाईयों दूर हो जाती हैं। साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी होती है। इस तिथि को खासतौर से दक्षिण भारत के लोगों द्वारा मनाया जाता है। तो आइए पढ़ते हैं स्कंद षष्ठी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

स्कंद षष्ठी का शुभ मुहूर्त:
फाल्गुन माह, शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि
षष्ठी तिथि प्रारम्भ- 19 मार्च, शुक्रवार सुबह 2 बजकर 9 मिनट पर
षष्ठी तिथि समाप्त- 20 मार्च, शनिवार सुबह 4 बजकर 48 मिनट पर
स्कंद षष्ठी का महत्व:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति ग्रह बाधा से मुक्त हो जाता है। साथ ही जीवन की सभी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय जी को सुब्रह्मण्यम कहा जाता है। इस तिथि को खासतौर से यही के लोग मनाते हैं। इस दिन तमिलनाडु में मुरुगा के मंदिरों में भव्य उत्सव भी आयोजित किए जाते हैं।
डिसक्लेमर
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