धर्म-अध्यात्म

6 या 7 सितंबर कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत

Tara Tandi
5 Sep 2023 11:18 AM GMT
6 या 7 सितंबर कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत
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भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि उस समय रोहिणी नक्षत्र चल रहा है. कृष्ण की नगरी कही जाने वाली मथुरा में इस दिन बेहद धूमधाम से ये त्योहार मनाया जाता है. पूरे भारतवर्ष से लेकर विश्वभर में कृष्ण भक्त जन्माष्टमी के पर्व का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं. कहीं हांडी फोड़ी जाती है तो कहीं माखन का भोग लगाते हैं. भारत के महाराष्ट्र में भी इस त्योहार की धूम देखने लायक होती है. साल 2023 में जन्माष्टमी कब है. पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है और जन्माष्टमी की पूजा विधि का तरीका सब आप जान लें.
कब है जन्माष्टमी का त्योहार
साल 2023 में जन्माष्टमी का महापर्व 6 सितंबर को मनाया जाएगा. हालांकि जन्माष्टमी की तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से शुरु होकर 7 सितंबर को शाम 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगी लेकिन जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त देखकर ही 6 सितंबर को पूजा की जाएगी.
कृष्ण जन्माष्टमी 2023 पू्जा शुभ मुहूर्त
6 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त देर रात 11 बजकर 57 मिनट से शुरु होगा और ये 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा.
रोहिणी नक्षत्र इस दिन रात 09 बजकर 20 मिनट से शुरु होगा और अगले दिन 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा.
जन्माष्टमी व्रत पारण मुहूर्त
जो भी कृष्ण भक्त जन्माष्टमी के दिन व्रत रखते हैं वो पूरे विधि विधान से इसका उद्यापन पारण के समय करते हैं. 7 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट से शआम 4 बजकर 14 मिनट तक आप कभी भी पूरे विधि विधान से व्रत का पारण कर सकते हैं.
कैसे रखते हैं कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत कान्हा के भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार होता है. इस दिन उपवास रखने के लिए आप आप अन्न, जल ग्रहण नहीं कर सकते पूर्णतः ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. श्रीकृष्ण जी की मूर्ति की पूजा विधी को ध्यानपूर्वक और भक्ति भाव से करना चाहिए. जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी के भजन और कीर्तन करें. श्रीमद् भागवतम् आदि पुराणों में श्रीकृष्ण जन्म कथा का सुनें. माखन-मिश्री और फल के प्रसाद का भगवान को भोग लगाएं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात में जागरण करें, जिसमें भजन, कीर्तन और भक्ति कार्यक्रम शामिल हो सकते हैं. ब्रह्मा मुहूर्त के उपरांत व्रत का पारणा कर सकते हैं जिसका शुभ मुहूर्त भी हमने आपको बताया है. व्रत खोलते समय आप अन्न और फल ग्रहण कर सकते हैं.
तो भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों से जन्माष्टमी के त्योहार पर कोई गलती ना हो जाए इसलिए आप पहले से ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत से जुड़ी ये सारी जानकारी आज ही नोटिस कर लें.
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