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- कब है षटतिला एकादशी,...
हिंदी पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि के दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के निमित्त व्रत रखा जाता है। इस प्रकार माघ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी यानी षटतिला एकादशी 28 जनवरी को है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। साथ ही व्यक्ति को पृथ्वी लोक पर सभी सुखों और मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी को पापहारिणी एकादशी भी कहा जाता है। ज्योतिषों की मानें तो इस दिन तिल दान या तिलांजलि करने से व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। आइए, षटतिला एकादशी की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं-
षटतिला एकादशी की तिथि
षट्तिला एकादशी की तिथि 28 जनवरी को देर रात 02 बजकर 16 मिनट पर शुरू होकर 28 जनवरी को रात्रि में 11 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी। अतः व्रती 28 जनवरी के दिन एकादशी व्रत रख भगवान श्रीविष्णु की पूजा-आराधना कर सकते हैं।
पूजा विधि
षट्तिला एकादशी व्रत उपवास के लिए दशमी के दिन से ही लहसन, प्याज समेत तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए। अगले दिन एकादशी के दिन प्रातः काल सुबह मुहर्त में उठें और स्नान-ध्यान करें। इसके पश्चात, आमचन कर सर्वप्रथम व्रत संकल्प लें। फिर भगवान भास्कर को तिलांजलि देकर भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा फल, फूल, पुष्प, धूप, दीप, कपूर-बाती पीले मिष्ठान आदि से करें। षट्तिला एकादशी को तिल मिश्रित लड्डू और उड़द दाल की खिचड़ी जरूर भोग लगाएं। दिन भर उपवास रखें और संध्याकाल में आरती अर्चना करने के पश्चात फलाहार करें। दिन में एक फल और एक बार जल ग्रहण कर सकते हैं। 29 जनवरी को पारण करें। इस दिन सामान्य दिनों की तरह पूजा-पाठ करने के बाद अन्न दान करने के बाद भोजन ग्रहण करें।