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धर्म-अध्यात्म
कब से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि? जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
SANTOSI TANDI
10 Oct 2023 7:30 AM GMT
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शारदीय नवरात्रि? जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
: हिन्दू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व माना जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।
साल में कुल 4 नवरात्रि मनाई जाती हैं जिस में से दो नवरात्रि गुप्त होती हैं और वहीं, दो नवरात्रि गृहस्थी लोगों द्वारा धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाई जाई है।
इसी कड़ी में अब शारदीय नवरात्रि आने वाली है। पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में मां दुर्गा के आगमन के साथ नवरात्रि का शुभारंभ होता है।
ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि की तिथि, घटस्थापना मुहूर्त, पूजा विधि और महत्त्व के बारे में संपूर्ण जानकारी।
शारदीय नवरात्रि 2023 तिथि
शारदीय नवरात्रि तिथि आरंभ: 15 अक्टूबर, दिन रविवार
शारदीय नवरात्रि तिथि समापन: 24 अक्टूबर, दिन मंगलवार (मंगलवार के उपाय)
प्रतिपदा तिथि आरंभ: 14 अक्टूबर, दिन शनिवार, रात 11 बजकर 24 मिनट
प्रतिपदा तिथि समापन: 16 अक्टूबर, दिन सोमवार, रात 12 बजकर 3 मिनट
शारदीय नवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त
घटस्थापना मुहूर्त आरंभ: 15 अक्टूबर, सुबह 11 बजकर 44 मिनट
घटस्थापना मुहूर्त समापन: 15 अक्टूबर, दोपहर 12 बजकर 30 मिनट
घटस्थापना अवधि: 15 अक्टूबर, 46 मिनट
शारदीय नवरात्रि 2023 पूजा सामग्री
घटस्थापना के लिए कलश, जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र
जौ बोने के लिए शुद्ध साफ मिट्टी, जौ अगर जौ न मिले तो गेहूं
गंगाजल, रोली, कलावा, सुपारी, दूर्वा, पीपल या आम के पत्ते
रेशेदार ताजा नारियल, हवन के लिए सूखा नारियल
पीतल, तांबे या स्टील का एक लौटा, जल से भरा हुआ
कलश को ढकने के लिए मिट्टी या तांबे का ढक्कन
कलश में रखने के लिए एक सिक्का, हवन सामग्री
फूल, पान, लौंग और इलायची, रुई बत्ती, कपूर
तिल का तेल या घी, दीपक जलाने के लिए दीया
भोग के लिए मिठाई और अलग-अलग फल
माता की चौकी, लाल रंग का कपड़ा
माता के श्रृंगार की सामग्री
मोतियों या फूलों की माला, सुंदर सी साड़ी
माता की चुनरी, कुमकुम, लाल बिंदी, आलता
लाल चूड़ियां, सिंदूर, शीशा, मेहंदी
नवरात्रि उपवास की सामग्री
सात्विक भोजन के लिए घी, मूंगफली
सिंघाड़े का आटा या कुट्टू का आटा
मखाना, आलू, लौकी, हरी मिर्च
व्रत में खाई जाने वाली सब्जी और ताजे फल
शारदीय नवरात्रि 2023 पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को साफ करें।
मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। फोइर कलश रखें।
इसके बाद मिट्टी के घड़े के गले में पवित्र धागा बांधे।
कलश को भरपूर मिट्टी और अनाज के बीज से भरें।
इसके बाद कलश में पवित्र जल भी भरकर रखें।
फिर सुपारी, गंध, अक्षत, दूर्वा घास, सिक्के डालें।
कलश के मुख पर एक साबुत नारियल रखें।
कलश को आम के पत्तों (आम के पत्तों के उपाय) से सजाएं।
इसके बाद माता रानी की पूजा आरंभ करें।
सबसे पहले माता रानी का श्रृंगार करें।
माता रानी को फल, फूल, धूप, दीप आदि चढ़ाएं।
माता रानी को सुंदर फूलों की माला पहनाएं।
इसके बाद उन्हें चुनरी उढ़ाएं। मां के मंत्रों का जाप करें।
मां दुर्गा के 'दुर्गासप्तशती स्तोत्र' का पाठ करें।
फिर मां को उनके प्रिय व्यंजन का भोग लगाएं।
मां की आरती उतारें और भोग वितरित करें।
शारदीय नवरात्रि 2023 महत्व
शारदीय नवरात्रि के दौरान मां की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है।
मां के आगमन से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। उनका उद्धार होता है।
नवरात्रि में मां की पूजा से सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं। ग्रह शांत रहते हैं।
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