धर्म-अध्यात्म

कब है शनि प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व

Tara Tandi
1 May 2021 6:52 AM GMT
कब है शनि प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व
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शनि प्रदोष को चंद्र चरण यानी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेसक | शनि प्रदोष को चंद्र चरण यानी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में यह शुभ त्योहारों में से एक माना जाता है जो हर महीने में दो बार पड़ता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, अगर यह व्रत शनिवार को आता है तो इसे शनि प्रदोष कहा जाता है। इस दिन, भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। साथ ही उपवास भी करते हैं। इससे भक्तों को भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह वैशाख मास चल रहा है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मई माह चल रहा है। इस माह शनि प्रदोष व्रत 8 मई को किया जाएगा। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

शनि प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त:
वैशाख माह, कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी तिथि
08 मई 2021, शनिवार
वैशाख कृष्ण त्रयोदशी आरंभ- 08 मई 2021, शनिवार, शाम 5 बजकर 20 मिनट से
वैशाख कृष्ण त्रयोदशी समाप्त- 09 मई 2021, रविवार, शाम 7 बजकर 30 मिनट तक
शनि प्रदोष व्रत का महत्व:
स्कंद पुराण में इस व्रत का उल्लेख मिलता है। आस्था और समर्पण के साथ इस व्रत का पालन करने वाले भक्तों को स्वास्थ्य, धन और संतोष के साथ इच्छाओं की पूर्ति होती है। इस व्रत को बेहद पवित्र माना गया है। यह भक्तों को अनंत आनंद और आध्यात्मिक उत्थान प्रदान करता है। मान्यता है कि इस व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से शिव बेहद प्रसन्न हो जाते हैं तथा व्रती को सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति के साथ-साथ पुत्र प्राप्ति का भी वर देते हैं।
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