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- कब है सावन संकष्टी...

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सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं जो शिव शंकर के पुत्र श्री गणेश को समर्पित होते हैं लेकिन संकष्टी चतुर्थी बेहद ही खास मानी जाती हैं जो कि हर माह में दो बार पड़ती हैं हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता हैं जो श्री गणेश की आराधना का उत्तम दिन माना जाता हैं इस दिन भक्त उपवास रखते हुए भगवान की विधिवत पूजा करते हैं।
ऐसा कहा जाता हैं कि चतुर्थी तिथि पर व्रत पूजन करने से श्री गणेश की कृपा बरसती हैं और सभी काम बिना बाधा के पूर्ण हो जाते हैं कुछ ही दिनों बाद श्रावण मास का आरंभ हो रहा हैं और इस दौरान पड़ने वाले चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता हैं। जो कि बेहद ही खास मानी जाती हैं। आपको बता दें कि सावन में पड़ने वाली गजानन संकष्टी चतुर्थी इस बार 6 जुलाई को मनाई जाएगा। इस दिन प्रथम पूजनीय श्री गणेश की आराधना और उपासना साधक को उत्तम फल प्रदान करती हैं तो आज हम आपको पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पूजन का शुभ समय-
धार्मिक पंचांग के अनुसार श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 जुलाई दिन गुरुवार को सुबह 6 बजकर 30 मिनट से आरंभ हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन यानी की 7 जुलाई दिन शुक्रवार की सुबह 3 बजकर 12 मिनट पर होगा।
ऐसे में भगवान श्री गणेश की पूजा का श्ुाभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक का हैं। इसयके अलावा शाम की पूजा का समय शाम 7 बजकर 23 मिनट से 8 बजकर 29 मिनट का रहेगा। ऐसे में इस दौरान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से साधक को भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं और सभी दुखों का नाश हो जाता हैं।
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