धर्म-अध्यात्म

कब है सावन पूर्णिमा और क्या है इसका विशेष महत्त्व

Ritisha Jaiswal
12 Aug 2021 1:50 PM GMT
कब है सावन पूर्णिमा और क्या है इसका विशेष महत्त्व
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सावन की पूर्णिमा को हिंदू धर्म में विशेष और पवित्र माना जाता है। सावन मास में पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सावन की पूर्णिमा को हिंदू धर्म में विशेष और पवित्र माना जाता है। सावन मास में पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त सावन पूर्णिमा के दिन व्रत रखने और पवित्र नदियों में स्नान करने का विधान है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार सावन की पूर्णिमा 22 अगस्त, दिन रविवार को पड़ रही है। हालांकि की पूर्णिमा की तिथि 21 अगस्त को सांय 07:01 बजे से शुरू हो कर 22 अगस्त को 5:32 बजे तक रहेगी। उदया तिथि होने के कारण सावन पूर्णिमा 22 अगस्त को ही मनाई जाएगी। आइए जानते हैं सावन पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले महत्पूर्ण धार्मिक कार्य...

1-सावन पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन नहाने के बाद दान अवश्य करना चाहिए, ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
2- सावन पूर्णिमा पर श्रावणी उपाकर्म का भी विशेष महत्व है। इस दिन जो भी लोग जनेऊ या यज्ञोपवीत धारण करते हैं वो विधिवत् स्नान करके अपना जनेऊ बदलना चाहिए। इसके अतिरिक्त सावन पूर्णिमा पर उपनयन संस्कार करना भी शुभ माना जाता है।
3- सावन पूर्णिमा के दिन पितरों के निमित्त तर्पण करने का विधान है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि पर विशेष रूप से पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। सावन पूर्णिमा के तर्पण को ऋषि तर्पण कहते हैं।
4- सावन पूर्णिमा के दिन व्रत रखा जाता है। इस दिन बच्चों की दीर्ध आयु के लिए कजरी पूनम का व्रत रखने का विधान है।
5- जो लोग इस दिन व्रत न रखें उन्हें भी सात्विक भोजन करना चाहिए। सावन पूर्णिमा के दिन मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
6- सावन पूर्णिमा के दिन जीव-जंतुओं पर हिंसा नहीं करनी चाहिए।
7- सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के अतिरिक्त माता पार्वती, भगवान विष्णु, गणेश जी, हनुमान जी और चंद्रमा का पूजन किया जाता है।




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