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हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन संतान सप्तमी बेहद ही खास मानी जाती है इस दिन माताएं अपनी संतान की खुशहाली के लिए दिनभर का उपवास रखकर पूजा पाठ करती हैं। धार्मिक पंचांग के अनुसार संतान सप्तमी का व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर किया जाता है इस दिन संतान प्राप्ति, संतान की तरक्की, खुशहाली और अच्छी सेहत के लिए व्रत पूजन किया जाता है।
संतान सप्तमी का व्रत भगवान सूर्यदेव को समर्पित होता है इस दिन महिलाएं उपवास रखते हुए भगवान सूर्य के साथ शिव पार्वती की उपासना करती हैं इस व्रत को पुरुष और महिला दोनों ही कर सकते हैं ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा संतान सप्तमी की तिथि और मुहूर्त के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
संतान सप्तमी की तिथि—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस वर्ष संतान सप्तमी का व्रत 22 सितंबर को किया जाएगा। इसे ललिता सप्तमी, अपराजिता सप्तमी, संतान सातें, दुबड़ी सप्तमी और मुक्ताभरण सप्तमी के मनो से जाना जाता है। इस पावन तिथि पर देवी ललिता प्रकट हुईं थी। इस वर्ष संतान सप्तमी से ही महालक्ष्मी व्रत का आरंभ भी हो रहा हैं मान्यता है कि इस व्रत को करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिल जाता है साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती हैं।
संतान सप्तमी पर पूजा का मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 21 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट से आरंभ हो रही है और इसका समापन अगले दिन यानी की 22 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में संतान सप्तमी का व्रत पूजन 21 सितंबर को करना उत्तम रहेगा।
Tara Tandi
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