धर्म-अध्यात्म

प्रदोष व्रत कब है, जानिए डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Tara Tandi
12 April 2022 6:02 AM GMT
प्रदोष व्रत कब है, जानिए डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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 प्रदोष व्रत कब है, जानिए डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भगवान शिव केवल एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव को यही कारण है कि भोलेनाथ कहा जाता है। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत भी रखते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान शिव केवल एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव को यही कारण है कि भोलेनाथ कहा जाता है। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत भी रखते हैं। इस व्रत से भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हर माह की दोनों पक्षों को त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस साल चैत्र पक्ष के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी 14 अप्रैल 2022, गुरुवार के दिन पड़ रहा है।

गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसे में इस दिन प्रदोष व्रत करने से भगवान शंकर व भगवान विष्णु दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानें इस साल कब है प्रदोष व्रत व पूजन का शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि भगवान शंकर को समर्पित होती है। चैत्र मास का दूसरा प्रदोष व्रत 14 अप्रैल, गुरुवार को रखा जाएगा। त्रयोदशी तिथि 14 अप्रैल को सुबह 04 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ होकर 15 अप्रैल, शुक्रवार सुबह 03 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। भगवान शिव की पूजा का उत्तम मुहूर्त शाम 06 बजकर 42 मिनट से रात 09 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
अगर संभव है तो व्रत करें।
भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान शिव की आरती करें।
इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
अप्रैल मास का आगामी प्रदोष व्रत-
28 अप्रैल 2022, गुरुवार– गुरु प्रदोष व्रत
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व-
चैत्र मास का दूसरा प्रदोष व्रत विधि-विधान से रखने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कर्ज से मुक्ति मिलती है। शिव कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होने की मान्यता है।
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