धर्म-अध्यात्म

Shivling पर जल चढ़ाना कब अशुभ माना जाता है यहाँ जाने वजह

Tara Tandi
4 Feb 2025 1:08 PM GMT
Shivling पर जल चढ़ाना कब अशुभ माना जाता है यहाँ जाने वजह
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Mahashivratri ज्योतिष न्यूज़ : महाशिवरात्रि आने वाली है और भगवान् शिव के भक्त उनकी पूजा और विधान को लेकर कई तैयारियां कर रहे हैं। इन विधान में एक महत्वपूर्ण हिस्सा शिवलिंग पर जल चढ़ाना होता है। यह एक प्राचीन और पवित्र धार्मिक अनुष्ठान है जिसका शिव भक्त दुनिया भर में अनुसरण करते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाना कई आध्यात्मिक और धार्मिक लाभ देते हैं लेकिन कुछ विशेष समय ऐसे होते हैं जब शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। चलिए जानते हैं उस बारे में...
शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या के दिन शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। अमावस्या में चांद नहीं दिखता है और इसलिए इसे अंधकार का प्रतीक माना जाता है। तो, इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से बचना चाहिए।
शिवरात्रि के बाद का समय
महाशिवरात्रि के बाद के 24 घंटे तक शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि इस समय को शिवजी के विश्राम समय माना जाता है। इसलिए उनके विश्राम में बाधा न पहुंचे, इसलिए जल चढाने को मना किया जाता है।
शाम में शिवलिंग पर जल क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए?
जल चढ़ाने के लिए सुबह का 5 बजे से 11 तक का समय सबसे शुभ माना गया है। शाम के समय भी शिवलिंग पर जल चढ़ाने को मना किया जाता है क्योंकि माना जाता है कि किसी भी पूजा में सूर्यदेव का साक्षी होना शुभ माना जाता है और शाम में सूर्यदेव अस्त हो जाते हैं। इसलिए इस समय जल चढ़ाने का आपको कोई विशेष लाभ नहीं मिलता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय खड़े ना रहें बल्कि आराम से बैठकर पूरी सकारात्मक्ता, श्रद्धा और मन के विकारों को दूर रखकर जल चढ़ाएं। भगवान् शिव आस्था और मंशा देखते हैं, विधान नहीं। इसलिए इस दौरान भावनाओं पर अधिक काम करें।
शिवलिंग पर चढ़ा जल पीना चाहिए या नहीं कई लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि शिवलिंग पर चढ़ा जल पीना चाहिए या नहीं तो आपको बता दें कि शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता के 22वें अध्याय के 18 श्लोक इस बात का प्रमाण है कि शिवलिंग पर चढ़ा जल ग्रहण करना बेहद शुभ होता है। श्लोकों में बताया गया है कि शिवलिंग पर अर्पित जल को 3 बार थोड़ा-थोड़ा हाथ में भरकर पीना शुभ होता है। ऐसा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है बल्कि नकारात्मकता दूर होती है। शिवलिंग पर चढ़ा जल ग्रहण करने से व्यक्ति का मन शांत होता है और तनाव दूर होता है। हाँ, लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि वो जल किसी के पैरों से होकर ना गुजरा हो और साफ़-सुथरा हो।
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