धर्म-अध्यात्म

कब है 'मीन संक्रांति', जानें इसका शुभ मुहूर्त एवं महत्व

Triveni
13 March 2021 12:59 AM GMT
कब है मीन संक्रांति, जानें इसका शुभ मुहूर्त एवं महत्व
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हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह एक संक्रांति तिथि अवश्य ही पड़ती है. अगर पूरे वर्ष का निकालें तो कुल 12 संक्रांति की तिथियां पड़ती हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह एक संक्रांति तिथि अवश्य ही पड़ती है. अगर पूरे वर्ष का निकालें तो कुल 12 संक्रांति की तिथियां पड़ती हैं. हिंदू पंचांग के अंतिम माह में जो संक्रांति आती है उसे मीन संक्रांति कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, हर महीने सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते रहते हैं. उसी तिथि को मीन संक्रांति कहा जाता है.

इस बार ये तिथि 14 मार्च 2021 को पड़ रही है. इस दिन दान-पुण्य करने का अत्यधिक महत्व बताया गया है. इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान और पूजा करने का भी अत्यधिक महत्व है. इस संक्रांति को मुख्य रूप से ओडिशा में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. आइए आपको मीन संक्रांति के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से बताते हैं.
मीन संक्रांति का शुभ मुहूर्त
मीन संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त
मीन संक्रांति रविवार, 14 मार्च 2021 को है जबकि इसका पुण्य काल सायं 6 बजकर 18 मिनट से लेकर सायं 6 बजकर 29 मिनट तक है. इसकी पूरी अवधि 11 मिनट की रहेगी. वहीं, मीन संक्रांति का महा पुण्य काल सायं 6 बजकर 18 मिनट से सायं 6 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. इसकी भी कुल अवधि 11 मिनट की ही रहेगी.
मीन संक्रांति का महत्व
शास्त्रों में मीन संक्रांति का बहुत अधिक महत्व माना गया है. ये प्रकृति की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. सूर्य के उत्तरायण होने के चलते दिन का समय बढ़ जाता है और रात छोटी होने लगती है. यही वो समय होता है जब प्रकृति में नया सृजन होता है. इस दौरान उपासना, ध्यान, योग करने से तन-मन और बुद्धि को पुष्टि मिलती है. इसके अलावा अगर इस दौरान भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की जाए तो नकारात्मकाता दूर होती है. साथ ही ऊर्जा की भी प्राप्ति होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मीन संक्रांति पर गंगा, यमुना और सरस्वती आदि पवित्र नदियों में स्नान करने का भी अत्यधिक महत्व है.


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