- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- मासिक शिवरात्रि कब है?...
धर्म-अध्यात्म
मासिक शिवरात्रि कब है? आइए जानते हैं पूजा मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि
Kajal Dubey
28 Jan 2022 2:03 AM GMT
![मासिक शिवरात्रि कब है? आइए जानते हैं पूजा मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि मासिक शिवरात्रि कब है? आइए जानते हैं पूजा मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/01/28/1477717--.webp)
x
मासिक शिवरात्रि की विशेष धार्मिक मान्यता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मासिक शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए खास महत्व रखती है. माघ मास में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि की विशेष धार्मिक मान्यता है. इस बार कुछ लोगों में मासिक शिवरात्रि को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि कब है आइए जानते हैं.
मासिक शिवरात्रि 2022 (Masik Shivratri 2022 Date)
पंचांग के अनुसार माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का 30 जनवरी 2022, रविवार शाम 05 बजकर 28 मिनट से आरंभ होगी और. इसका समापन सोमवार 31 जनवरी 2022, को दोपहर 02 बजकर 18 मिनट तक है. मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि के समय की जाती है. इसलिए चतुर्दशी की तिथि रात्रि 30 जनवरी को प्राप्त हो रही है. ऐसे में 30 जनवरी के दिन ही मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा.
मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त
शास्त्रों के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि में करना उत्तम माना जाता है. इसलिए 30 जनवरी 2022, रात 11 बजकर 38 मिनट से देर रात 12 बजकर 52 मिनट के मध्य शिव पूजा का मुहूर्त बना हुआ है.
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. माघ मास में शिव पूजा का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है. मासिक शिवरात्रि के दिन विधि पूवर्क व्रत और पूजा करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है. जिन कन्याओं के विवाह में कोई बाधा या परेशानी आ रही है वो भी दूर होती है. विद्यार्थियों को भी लाभ प्राप्त होता है.
मासिक शिवरात्रि 2022 पूजा विधि
शिवरात्रि की पूजा मुहूर्त का ध्यान रखते हुए आप शिव पूजा घर पर या शिव मंदिर में कर सकते हैं. सबसे पहले भगवान शिव का गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें. फिर भोलेनाथ को चंदन, शहद, बेलपत्र, भांग, धतूरा, फूल, फल आदि अर्पित करें. उसके पश्चात धूप, दीप, गंध आदि चढ़ाएं. अब शिव चालीसा, शिव स्तोत्र, शिव मंत्र का जाप करें. पूजा के समय माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और नंदी की भी विधि विधान से पूजा करें. मासिक शिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें.
पूजा के अंत में कपूर या गाय के घी वाले दीपक से शिव परिवार की आरती उतारें. शिव जी की आरती, माता पार्वती की आरती और गणेश जी की आरती का गान करें. फिर उस दीपक को घर में सभी स्थानों पर दिखा दें. ऐसा करने से घर के अंदर की नकारात्मकता दूर होती है.
Next Story