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हिन्दू कैलेंडर में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन कई प्रकार के धार्मिक कार्य किए जाते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिन्दू कैलेंडर में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन कई प्रकार के धार्मिक कार्य किए जाते हैं। इस समय भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास मार्गशीर्ष चल रहा है। इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि 14 दिसंबर दिन सोमवार को है। मार्गशीर्ष अमावस्या 16 दिसंबर सोमवार को है, सोमवार दिन होने के कारण यह सोमवती अमावस्या है। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान, दान, पुण्य आदि का बड़ा महत्व है। इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2020 मुहूर्त
हिन्दी पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 13 दिसंबर दिन रविवार को देर रात 12 बजकर 44 मिनट पर हो रहा है। अमावस्या तिथि का समापन 14 दिसंबर को रात 09 बजकर 46 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या या सोमवती अमावस्या 14 दिसंबर को है।
मार्गशीर्ष अमावस्या और सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन पिंडदान और तर्पण करने की परंपरा है। सोमवती आवस्या के दिन नदी में स्नान करने से परिवार में सुख समृद्धि आती है। दुख और रोगों से मुक्ति मिलती है। नदी स्नान के बाद दान करने से पितर खुश होते हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव तथा पीपल के वृक्ष की पूजा करने की परंपरा है। साथ ही पीपल के पेड़ में 108 बार कच्छा सूत लपेटा जाता है। साथ ही उसकी परिक्रमा की जाती है।
मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को अगहन अमावस्या या पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के भी उपाय किए जाते हैं।
Triveni
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