धर्म-अध्यात्म

कब है काम‍िका एकादशी व्रत, और क्या है इसका विशेष महत्व

Ritisha Jaiswal
3 Aug 2021 8:40 AM GMT
कब है काम‍िका एकादशी व्रत, और क्या है इसका विशेष महत्व
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हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व हैै। यह व्रत जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व हैै। यह व्रत जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि की पूजा व व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है। जीवन की परेशानियां दूर होकर मनचाहा फल मिलता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, हर मास में कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष में 2 एकादशी तिथि आती है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी कामिका एकादशी कहलाएगी। चलिए जानते हैं इसकी तिथि व शुभ मुहूर्त...

काम‍िका एकादशी तिथि व शुभ मुहूर्त
काम‍िका एकादशी आरंभ- 3 अगस्त 2021, दिन मंगलवार, दोपहर 12:59 मिनट से
काम‍िका एकादशी समापन 04 अगस्त 2021, दिन बुधवार, दोपहर 03:17 मिनट तक
इसकी उदय तिथि 4 अगस्त हुई तो यह व्रत बुधवार को ही रखा जाएगा।
काम‍िका एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त़
काम‍िका एकादशी व्रत पारण, 5 अगस्त 2021, दिन गुरुवार, सुबह 05:45 मिनट से 08:26 मिनट तक रहेगा।
काम‍िका एकादशी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कामिका एकादशी की कथा श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर और इससे पूर्व मुनि वशिष्ठ ने राजा दिलीप को सुनाई थी। मान्यता है कि सच्चे मन से यह व्रत रखने व पूजा करने से पापों से मुक्ति व मोक्ष मिलता है।
इस दिन दान का विशेष महत्व
एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है। व्रत पारण के बाद अपने सामार्थ्य के अनुसार ब्राह्मणों व जरूरतमंदों को दान करें। मान्यता है कि इससे श्रीहरि की विशेष कृपा मिलती है।
काम‍िका एकादशी व्रत पूजा विधि
. सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ कपड़े पहनें।
. घर का मंदिर साफ करके भगवान विष्णु की प्रतिमा का गंगाजल से अभिषेक करें।
. श्रीहरि के आगे दीया जलाएं।
. फिर फूल, तुलसी दल चढ़ाकर मंत्र जप करें।
. श्रीहरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
. भगवान की आरती करके भोग लगाएं।
. भोग में तुलसी का पत्ता जरूर रखें। भगवान श्रीहरि को तुलसी अतिप्रिय के इसके बिना उनकी पूजा व भोग अधूरा माना जाता है।
. पूरा दिन भगवान का नाम स्मरण करें।
हो सके तो इस दिन व्रत रखें और सात्विक भोजन ग्रहण करें। अगर आप व्रत नहीं सकती है तो पूरा दिन भगवान विष्णु का ध्यान करें।







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