- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- कब है कालभैरव जयंती और...
कालभैरव जयंती : कृष्ण पक्ष की अष्टमी हिंदू धर्म में काल भैरव को समर्पित है।इस अष्टमी को कालाष्टमी कहा जाता है। हर माह हर महीने आने वाली अष्टमी को मासिक अष्टमी कहा जाता है।कालाष्टमी में सबसे खास है कालभैरव जयंती। माना जाता है कालभैरव बाबा अवतरित हुए थे।माना जाता है कि कालभैरव की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है। उसे किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। यहां तक कि बड़े से बड़ा दुश्मन भी उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। कालभैरव जयंती के दिन कुछ उपाय आपको बहुत लाभ पहुंचा सकता है तो जानिए कालभैरव जयंती कब है और क्या उपाय करे।
कालभैरव जयंती कब है : इस साल कालभैरव जयंती 5 दिसंबर 2023 और मंगलवार को मनाई जाएगी. अष्टमी तिथि 4 दिसंबर 2023 को रात 9.59 बजे शुरू होगी और 5 दिसंबर को रात 12 बजे समाप्त होगी. उड़िया तिथि के अनुसार कालभैरव जयंती 5 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा का समय सुबह 10 बजकर 53 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक रहेगा.
कालभैरव जयंती के उपाय : जीवन में बाधाएं दूर करने और शत्रुओं को परास्त करने के लिए कालभैरव जयंती के दिन पांच या सात नींबू की माला बनाकर कालभैरव बाबा को चढ़ाएं। अगर आप जीवन में आर्थिक तंगी से परेशान हैं तो काल भैरव जयंती के दिन काले कुत्ते को मीठी रोटी यानी रोटी के साथ गुड़ खिलाएं।यदि आपके शरीर में संक्रमण है तो रोग से छुटकारा पाने के लिए कालभैरव जयंती पर जरूरतमंद लोगों को गेहूं, गर्म कपड़े या काले कंबल का दान करें। राहु या केतु से संबंधित दोष को दूर करने और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए काल भैरव जयंती के दिन भैरवनाथ मंदिर में कालभैरवाष्टक का पाठ करें।