धर्म-अध्यात्म

कब है कजरी तीज, जानें पूजन विधि

Ritisha Jaiswal
2 Aug 2021 1:29 PM GMT
कब है कजरी तीज, जानें पूजन विधि
x
महिलाएं अपने पति के लिए साल भर में बहुत सारे व्रत रखती हैं। उन्हीं सुहाग के एक व्रत में से कजरी तीज भी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | महिलाएं अपने पति के लिए साल भर में बहुत सारे व्रत रखती हैं। उन्हीं सुहाग के एक व्रत में से कजरी तीज भी है। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यह त्योहार भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 25 अगस्त दिन बुधवार को है। कजरी तीज को बूढ़ी तीज, कजली तीज और सातूड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं सज-संवरकर पति के दीर्घायु के लिए पूजा करती हैं। आइये जानते हैं पूजा विधि और पूजा सामग्री के साथ-साथ इसके महत्व के बारे में।

कजरी तीज पूजन सामग्री
कजरी तीज में सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं तथा सुहाग का सामान माता पार्वती को भी अर्पित करती हैं। सुहाग के समान के साथ-साथ अन्य सामग्री भी लगती है। मेंहदी, हल्‍दी, बिंदी, कंगन, चूडिय़ां, सिंदूर, काजल, लाल कपड़े, गजरा, मांग टीका, नथ या कांटा, कान के गहने, हार, बाजूबंद, अंगूठी, कमरबंद, बिछुआ, पायल, अगरबत्‍ती, कुमकुम, सत्‍तू, फल, मिठाई, रोली, मौली-अक्षत आदि।
कजरी तीज पूजन विधि

घर में या घर के बाहर एक सही दिशा का चुनाव करके मिट्टी या गोबर से एक तालाब जैसा छोटा घेरा बना लें। उस तालाब में कच्चा दूध या जल भर लें और उसके एक किनारे दीपक जला लें। इसके उपरांत एक थाली में केला, सेब, सत्तू, रोली, मौली, अक्षत आदि समान रख लें। बनाए हुए तालाब के एक किनारे नीम की एक डाल तोड़कर रोप दें। इस नीम की डाल पर चुनरी ओढ़ाकर नीमड़ी माता की पूजा करें। शाम के समय चंद्रमा को अर्ध्य देकर पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलें और माता नीमड़ी को घर पर बना मालपुए का भोग लगाएं।
कजरी तीज व्रत के लाभ
कजरी तीज करने से सदावर्त एवं बाजपेयी यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है। जिससे स्वर्ग में रहने का अवसर प्राप्त होता है। व्रत से प्रभाव से अगले जन्म के दौरान संपन्न परिवार में जन्म मिलता है। इसके अलावा जीवनसाथी का वियोग नहीं मिलता है।


Next Story