धर्म-अध्यात्म

कब है कजरी तीज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
8 Aug 2022 5:01 AM GMT
कब है कजरी तीज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
x
पंचांग के अनुसार, सावन मास समाप्त होते ही भाद्रपद मास लग जाता है। इसे भादो भी कहा जाता है। इसके साथ ही यह चातुर्मास का दूसरा माह माना जाता है। वहीं, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती है।

पंचांग के अनुसार, सावन मास समाप्त होते ही भाद्रपद मास लग जाता है। इसे भादो भी कहा जाता है। इसके साथ ही यह चातुर्मास का दूसरा माह माना जाता है। वहीं, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती है। कजरी तीज का व्रत हरियाली तीज की तरह की निर्जला रखा जाता है। इसके साथ ही कजरी तीज का व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए काफी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जो कुंवारी कन्या मन और श्रद्धा के साथ इस व्रत को रखती हैं उन्हें सौभाग्यवती का वरदान मिलता है। आइए जानते हैं कजरी तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

तस्वीरों में समझें- गुड़ से कौन से उपाय करना होगा लाभकारी

कजरी तीज की तिथि और शुभ मुहूर्त (Kajari Teej 2022 Shubh Muhurat)

कजरी तीज की तिथि- 14 अगस्त 2022

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ- 13 अगस्त की रात 12 बजकर 53 मिनट से शुरू

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त- 14 अगस्त की रात 10 बजकर 35 मिनट तक

कजरी तीज व्रत की पूजा विधि

कजरी तीज के दिन नीमड़ी माता का पूजन किया जाता है जो माता पार्वती का ही स्वरूप मानी जाती हैं।

कजरी तीज के दिन महिलाएं सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें।

मां का मनन करते हुए निर्जला व्रत का संकल्प लें

सबसे पहले भोग बना लें। भोग में मालपुआ बनाया जाता है।

पूजन के लिए मिट्टी या गोबर से छोटा तालाब बना लें।

इस तालाब में नीम की डाल पर चुनरी चढ़ाकर नीमड़ी माता की स्थापना कर लें

नीमड़ी माता को हल्दी, मेहंदी, सिंदूर, चूड़िया, लाल चुनरी, सत्तू और मालपुआ चढ़ाए जाते हैं।

धूप-दीपक जलाकर आरती आदि कर लें

शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर लें।

धर्म संबंधी अन्य खबरों के लिए क्लिक करें


Next Story