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कब है जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
![कब है जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि कब है जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/09/01/1273526--.webp)
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस माह संतान की लंबी आयु और उनकी सुख-समृद्धि की कामना के लिए माताएं जिउतिया व्रत रखेंगी। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका पर्व मनाया जाता है। इस बार यह 28 से 30 सितंबर तक मनाया जाएगा। जीवित्पुत्रिका का त्योहार महिलाएं बहुत ही भक्तिभाव से साथ मनाती हैं। यह व्रत बहुत ही कठिन उपवासों में एक माना जाता है। इसमें माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
जीवित्पुत्रिका पूजा विधि
जितिया व्रत के एक दिन पहले महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान कर पूजा करती है फिर इसके बाद भोजन करती हैं। इसके बाद जितिया व्रत के पारण करने के बाद ही अन्न को ग्रहण करेंगी। जितिया व्रत में व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। पारण वाले दिन पर सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही कुछ खाती हैं। जितिया व्रत वाले दिन पर झोर भात, भरुवा की रोटी और नोनी का साग खाया जाता है।
जितिया व्रत का महत्व
जितिया व्रत की कथा महाभारत काल से जुड़ी है। धार्मिक कथाओं के अनुसार महाभारत के युद्ध में अपने पिता की मौत का बदला लेने की भावना से अश्वत्थामा पांडवों के शिविर में घुस गया। शिविर के अंदर पांच लोग सो रहे थे। अश्वत्थामा ने उन्हें पांडव समझकर मार दिया, परंतु वे द्रोपदी की पांच संतानें थीं। फिर अुर्जन ने अश्वत्थामा को बंदी बनाकर उसकी दिव्य मणि ले ली।
अश्वत्थामा ने फिर से बदला लेने के लिए अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चें को मारने का प्रयास किया और उसने ब्रह्मास्त्र से उत्तरा के गर्भ को नष्ट कर दिया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उत्तरा की अजन्मी संतान को फिर से जीवित कर दिया। गर्भ में मरने के बाद जीवित होने के कारण उस बच्चे का नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया। तब उस समय से ही संतान की लंबी उम्र के लिए जितिया का व्रत रखा जाने लगा।
जीवित्पुत्रिका तीन दिनों तक चलता है
संतान की सुख और समृद्धि के लिए जीवित्पुत्रिका माताएं तीन दिनों तक चलता है। पहला दिन नहाए-खाए, दूसरा दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है।
जितिया व्रत शुभ मुहूर्त 2021
अष्टमी तिथि - 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट से 29 सितंबर की रात 8 बजकर 29 मिनट तक
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