धर्म-अध्यात्म

कब है जन्माष्टमी, जानिए तिथि और पूजा की विधि

Tara Tandi
5 Aug 2022 7:24 AM GMT
कब है जन्माष्टमी, जानिए तिथि और पूजा की विधि
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भगवान शिव का प्रिय माह सावन (Sawan Month) अब धीरे-धीरे समापन की ओर बढ़ रहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान शिव का प्रिय माह सावन (Sawan Month) अब धीरे-धीरे समापन की ओर बढ़ रहा है. सावन का अंतिम सोमवार व्रत 08 अगस्त को है. उसके बाद से सावन सोमवार व्रत (Sawan Somwar Vrat) का अवसर आपको अगले वर्ष ही प्राप्त होगा. जो लोग अभी तक सावन सोमवार व्रत का लाभ नहीं ले पाए हैं, वे 08 अगस्त को अंतिम सोमवार व्रत का पुण्य लाभ ले सकते हैं. सावन सोमवार का व्रत पुत्र प्राप्ति और मनचाहे वर की कामना से रखा जाता है. सावन के सोमवार को हर शिवालय भक्तों की भीड़ से भरे होते हैं. भगवान भोलेनाथ की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं इस व्रत को करने से पूर्ण हो जाती हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं सावन सोमवार व्रत के पूजा मुहूर्त और इस दिन के शुभ संयोग के बारे में.

अंतिम सावन सोमवार व्रत 2022 मुहूर्त
सावन के अंतिम सोमवार व्रत के दिन रवि योग और इंद्र योग बना हुआ है. 08 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 28 ​मिनट से रवि योग प्रारंभ हो जा रहा है और यह दोपहर 02 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. वहीं उस दिन इंद्र योग प्रात:काल से लेकर सुबह 06 बजकर 56 मिनट तक ही है. ये दोनों ही योग पूजा पाठ की दृष्टि से शुभ फल देने वाले हैं.
सावन के अंतिम सोमवार के दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है. ऐसे में आप इस दिन प्रात:काल से ही भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं. हालांकि शिव पूजा में समय की बाध्यता नहीं होती है.
सावन सोमवार के दिन एकादशी का संयोग
अंतिम सावन सोमवार के दिन एकादशी व्रत का संयोग बना है. 08 अगस्त को सावन सोमवार व्रत के साथ ही श्रावण पुत्रदा एकादशी भी है. यह व्रत पुत्र प्राप्ति की कामना से रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्ष्णु की पूजा करते हैं.
सावन माह भगवान शिव और श्रीहरि विष्णु की पूजा के लिए होता है, इसलिए कहते हैं कि सावन में हरिहर यानि हरि अर्थात् भगवान विष्णु और हर अर्थात् भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. 08 अगस्त को हरिहर की पूजा करने का सबसे उत्तम संयोग बना है. इससे आपको चूकना नहीं चाहिए.
पुत्र मनोकामना पूर्ति का अच्छा संयोग
08 अगस्त को पुत्र मनोकामना पूर्ति का अच्छा संयोग बना है. श्रावण पुत्रदा एकादशी और सावन सोमवार दोनों ही व्रत वंश वृद्धि या पुत्र मनोकामना पूर्ति के लिए अच्छे माने जाते हैं. इस दिन आप भगवान शिव और भगवान विष्णु से वंश वृद्धि का आशीष प्राप्त कर सकते हैं.
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