धर्म-अध्यात्म

गुरु प्रदोष व्रत कब है ? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

Kajal Dubey
7 April 2022 2:35 AM GMT
गुरु प्रदोष व्रत कब है ? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
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हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत आने वाला है. यह अप्रैल माह का पहला प्रदोष व्रत है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार का प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन है, इसलिए यह गुरु प्रदोष व्रत है. यह व्रत करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. इसके साथ ही आरोग्य, सुख, धन, सं​पत्ति आदि की प्राप्ति होती है. भगवान शिव शंकर के आशीर्वाद से रोग दूर होते हैं और ग्रह दोष भी शांत हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत कब है और शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

प्रदोष व्रत 2022 तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 14 अप्रैल दिन गुरुवार को प्रात: 04 बजकर 49 मिनट पर शुरु हो रही है. यह तिथि अगले दिन 15 अप्रैल शुक्रवार को प्रात: 03 बजकर 55 मिनट तक मान्य है. ऐसे में प्रदोष व्रत 14 अप्रैल को है.
शिव पूजा का मुहूर्त
14 अप्रैल को प्रदोष व्रत रखने वालों को शिव जी की पूजा के लिए दो घंटे से अधिक का शुभ समय प्राप्त होगा. इस दिन प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 46 मिनट से रात 09 बजे तक है.
गुरु प्रदोष व्रत के दिन वृद्धि योग सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक है, उसके बाद से ध्रुव योग लग जाएगा. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र भी सुबह 09 बजकर 56 मिनट तक है, फिर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शुरु होगा. ये योग और नक्षत्र मांगलिक कार्यों के लिए शुभ होते हैं.
चैत्र शुक्ल प्रदोष के दिन का शुभ समय 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है. इस समय में आप कोई शुभ कार्य या किसी नए कार्य का प्रारंभ करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं.
भगवान शिव की पूजा
प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय में भगवान शिव की पूजा करते हैं. आप किसी शिव मंदिर या फिर घर पर पूजा कर सकते हैं. भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, फूल, फल, चंदन, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, गंगाजल, गाय का दूध आदि अर्पित कर विधि विधान से पूजा करें. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. फिर शिव चालीसा एवं व्रत कथा का पाठ करें और अंत में शिव जी की आरती करें.
पूजा के बाद देवों के देव महादेव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें और पूजा में हुई भूल आदि के लिए क्षमा प्रार्थना कर लें. शिव जी की कृपा से आपको कार्यों में सफलता मिलेगी.


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