धर्म-अध्यात्म

कब है गणेश उत्सव, जानिए गणपति की स्थापना और पूजा के नियम

Shiddhant Shriwas
31 Aug 2021 8:27 AM GMT
कब है गणेश उत्सव, जानिए गणपति की स्थापना और पूजा के नियम
x
हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से गणेशोत्सव की शुरुआत होती है. इस दिन लोग धूमधाम से गणपति को घर लेकर आते हैं और उन्हें 5, 7 या 10 दिनों के लिए घर में स्थापित करते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैसे तो हर महीने की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है, लेकिन भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को सबसे बड़ी गणेश चतुर्थी माना जाता है. माना जाता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इस दिन लोग गणपति बप्पा को अपने घर लेकर आते हैं और 10 दिनों तक उनकी सेवा की जाती है.

मान्यता है कि घर में गणपति को लाने से वे घर के सारे विघ्न हर लेते हैं. गणेशोत्सव की धूम महाराष्ट्र में तो खासतौर पर होती है. दूर-दूर से गणेश भगवान के भक्त गणेशोत्सव को देखने के लिए महाराष्ट्र में आते हैं. अनन्त चतुर्दशी के दिन धूमधाम से गणपति का विसर्जन किया जाता है. इस बार गणेश उत्सव 10 सितंबर से शुरू हो रहा है. जानिए गणपति की स्थापना और पूजा के नियम.

गणपति स्थापना के नियम

चतुर्थी के दिन स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर गणपति बप्पा को लोगों के साथ लेने जाएं. गणपति की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि मूर्ति मिट्टी की होनी चाहिए, प्लास्टर ऑफ पेरिस या अन्य केमिकल्स की नहीं. इसके अलावा बैठे हुए गणेशजी की प्रतिमा लेना शुभ माना गया है. उनकी सूंड बांई और मुड़ी हुई होनी चाहिए और साथ में मूषक उनका वाहन जरूर होना चाहिए. मूर्ति लेने के बाद एक कपड़े से ढककर उन्हें ढोल नगाड़ों के साथ धूमधाम से घर पर लेकर आएं.

मूर्ति स्‍थापना के समय प्रतिमा से कपड़े को हटाएं और घर में मूर्ति के प्रवेश से पहले इस पर अक्षत जरूर डालें. पूर्व दिशा या उत्तर पूर्व दिशा में चौकी बिछाकर मूर्ति को स्थापित करें. स्‍थापना के समय चौकी पर लाल या हरे रंग का कपड़ा बिछाएं और अक्षत के ऊपर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें. भगवान गणेश की मूर्ति पर गंगाजल छिड़कें और गणपति को जनेऊ पहनाएं. मूर्ति के बाएं ओर अक्षत रखकर कलश स्थापना करें. कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और आम के पत्ते और नारियल पर कलावा बांधकर कलश के ऊपर रखें. इसके बाद विधि विधान से पूजा आरंभ करें.

ये हैं पूजन के नियम

स्वच्छ आसन पर बैठकर सबसे पहले गणपति को पंचामृत से स्नान करवाएं. इसके बाद केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा, पुष्प, दक्षिणा और उनका पसंदीदा भोग अर्पित करें. जब तक गणपति घर में रहें, उस दौरान गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्रीगणेश सहस्रनामावली, गणेश जी की आरती, संकटनाशन गणेश स्तोत्र आदि का पाठ करें. अपनी श्रद्धानुसार गणपति के मंत्र का जाप करें और रोजाना सुबह और शाम उनकी आरती करें. माना जाता है कि ऐसा करने से गणपति परिवार के सभी विघ्न दूर करते हैं.

Next Story