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देवशयनी एकादशी व्रत आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखते हैं. देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) का अर्थ है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देवशयनी एकादशी व्रत आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखते हैं. देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) का अर्थ है देवताओं के शयन की एकादशी अर्थात् इस दिन से भगवान विष्णु समेत सभी देव योग निद्रा में चले जाते हैं, जबकि भगवान शिव का परिवार जागृत रहता है. देवशयनी एकादशी से चातुर्मास (Chaturmas) प्रारंभ होता है, जो चार माह का होता है. इसमें कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है. पूजा पाठ करने पर कोई पाबंदी नहीं होती है. आइए तिरुपति के ज्योतिषाचार्य और डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि देवशयनी एकादशी कब है, पूजा मुहूर्त और पारण समय क्या है?
देवशयनी एकादशी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत 09 जुलाई दिन शनिवार को शाम 04 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है. यह तिथि अगले दिन 10 जुलाई रविवार को दोपहर 02 बजकर 13 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में उदयातिथि को ध्यान में रखते हैं, तो देवशयनी एकादशी व्रत 10 जुलाई को है.
देवशयनी एकादशी 2022 मुहूर्त
देवशयनी एकादशी के दिन तीन योग बन रहे हैं. इस दिन रवि योग, शुभ योग और शुक्ल योग बन रहे हैं. शुभ योग प्रात:काल से लेकर देर रात 12 बजकर 45 मिनट तक है. उसके बाद शुक्ल योग प्रारंभ हो जाएगा.
देवशयनी एकादशी को रवि योग प्रात: 05 बजकर 31 मिनट से शुरु होगा और सुबह 09 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. ये सभी योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ हैं.
देवशयनी एकादशी 2022 पारण
जो लोग 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी व्रत रखेंगे, वे अगले दिन 11 जुलाई सोमवार को प्रात: 05 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 17 मिनट के मध्य तक पारण कर सकते हैं. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर होगा.
देवशयनी एकादशी का महत्व
देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. चार माह के लिए सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं. इन चार माह में विवाह, सगाई, मुंडन आदि जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं.
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