धर्म-अध्यात्म

कब है भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी?

Ritisha Jaiswal
15 March 2022 5:03 PM GMT
कब है भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी?
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चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानते हैं.

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानते हैं. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी होती है और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 21 मार्च दिन सोमवार को है. इस दिन व्रत रखते, गणेश जी की पूजा करते हैं और चंद्रमा का दर्शन कर जल अर्पित करते हैं. संकष्टी चतुर्थी व्रत बिना चंद्रमा को जल अर्पित किए पूर्ण नहीं होता है. आइए जानते हैं भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के पूजा मुहूर्त एवं चंद्रोदय समय के बारे में

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 21 मार्च दिन सोमवार को प्रात: 08 बजकर 20 मिनट पर हो रहा है. इस तिथि का समापन 22 मार्च दिन मंगलवार को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा. ऐसे में भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत 21 मार्च को रखा जाएगा क्योंकि चतुर्थी तिथि का समापन 22 मार्च को प्रात: ही हो जा रहा है.
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2022 पूजा मुहूर्त

भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक है. ऐसे में आप चाहें तो संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा कर सकते हैं. इस दिन स्वाती नक्षत्र रात 09 बजकर 31 मिनट तक है.
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2022 चंद्रोदय समय
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा का उदय रात 09:47 बजे होगा. संकष्टी चतुर्थी में चंद्रमा दर्शन और जल अर्पित करने के लिए काफी देर तक इंतजार करना होता है क्योंकि कृष्ण पक्ष का चंद्रमा देर से उदय होता है
संकष्टी चतुर्थी सभी संकटों को हरने वाली होती है. गणेश जी प्रथम पूज्य हैं. इनके आशीर्वाद से सभी कार्य सफल होते हैं, शुभता में वृद्धि होती है और जीवन में सुख एवं समृद्धि आती है. इस दिन जो लोग व्रत रखते हैं, उनको भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा पाठ करना चाहिए.


Ritisha Jaiswal

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