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सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है अभी भाद्रपद मास चल रहा है और इस माह की पूर्णिमा बेहद विशेष है क्योंकि इसी दिन से पितृपक्ष का आरंभ हो रहा है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास की पूर्णिमा भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा को समर्पित होती है इस दिन भक्त भगवान सत्यनारायण की विशेष पूजा अर्चना करते है मान्यता है कि ऐसा करने से अपार कृपा प्राप्त होती है। भाद्रपद मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को श्राद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
पूर्णिमा तिथि माता लक्ष्मी की पूजा के लिए भी उत्तम मानी गई हैं इस दिन लक्ष्मी पूजन करने से घर में धन आगमन के मार्ग खुलते है। साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण करने से परिवार में सुख शांति आती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भाद्रपद मास की पूर्णिमा की तिथि और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते है।
भाद्रपद पूर्णिमा की तिथि—
भाद्रपद मास की पूर्णिमा 29 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है पूर्णिमा और शुक्रवार का योग होने से माता लक्ष्मी की उपासना धन, ऐश्वर्य, कीर्ति और संपन्नता में वृद्धि कराएगी।
भाद्रपद मास की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 28 सितंबर को शाम 6 बजकर 49 मिनट से हो रहा है और समापन अगले दिन यानी 29 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में 29 सितंबर को स्नान दान का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 36 मिनट से सुबह 5 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। वही सत्यनारायण पूजा का मुहूर्त 6 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक का है। इसके अलावा लक्ष्मी पूजन के लिए रात्रि मुहूर्त शाम रात को 11 बजकर 18 मिनट से सुबह 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।
Tara Tandi
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