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इस वर्ष बसन्त पंचमी या श्रीपंचमी 16 फरवरी को मनाई जाएगी। इस त्यौहार का महत्व हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | इस वर्ष बसन्त पंचमी या श्रीपंचमी 16 फरवरी को मनाई जाएगी। इस त्यौहार का महत्व हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा है। बसन्त पंचमी पर सरस्वती मां की पूजा की जाती है। इन्हें श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें विद्या की देवी कहा जाता है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई जगहों पर बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ होता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं बसन्त पंचमी का शुभ मुहूर्त और महत्व।
बसन्त पंचमी शुभ मुहूर्त:
मंगलवार, फरवरी 16, 2021
बसन्त पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक
अवधि- 05 घण्टे 37 मिनट्स
बसन्त पंचमी मध्याह्न का क्षण- 12:35
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ- फरवरी 16, 2021 को 03:36 बजे
पञ्चमी तिथि समाप्त- फरवरी 17, 2021 को 05:46 बजे
बसन्त पंचमी का महत्व:
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसन्त पंचमी मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्माण्ड के रचयिता ब्रह्माजी ने सरस्वती की रचना की थी। पुराणों के अनुसार, विष्णु जी की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनी की रचना की। प्रारंभिक काल में मनुष्य मूक था जिससे धरती एकदम शांत थी। इससे धरती पर नीरसता बढ़ रही थी। जब ब्रह्माजी ने यह देखा तो उन्होंने अपने कमंडल से जल छिड़का। इससे एक अद्भुत शक्ति के रूप में एक सुंदर स्त्री प्रकट हुईं जो चतुर्भुजी थीं। एक हाथ में वीणा तो दूसरे में वर मुद्रा थी। इनकी वीणा की आवाज से तीनों लोकों में कंपन हुआ। इन्हें सरस्वती कहा गया। इसी कंपन से सभी को शब्द और वाणी मिली।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '
Triveni
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