धर्म-अध्यात्म

कब है अमावस्या, जानें पितरों की विदाई का सही तरीका

Tara Tandi
16 Sep 2023 6:17 AM GMT
कब है अमावस्या, जानें पितरों की विदाई का सही तरीका
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सनातन धर्म में वैसे तो हर दिन को खास बताया गया है लेकिन साल के 15 दिन पूर्वजों को समर्पित होते हैं ​जिसे पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है इस दौरान लोग अपने मृत परिजनों को याद कर उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते है। ऐसा कहा जाता है कि पितृपक्ष के दिनों में पूर्वजों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वज प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है और समापन 14 अक्टूबर को हो जाएगा। 14 अक्टूबर को ही सर्व पितृ अमावस्या है जिसे महालया अमावस्या, पितृ अमावस्या और पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से जाना जाता है। ये पितृपक्ष या श्राद्ध का अंतिम दिन होता है। जिसे बेहद खास माना जाता है क्योंकि इस तिथि पर लोग अपने पितरों की विदाई देते है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सर्व पितृ अमावस्या से जुड़ी कई जानकारी से अवगद करा रहे है तो आइए जानते है।
सर्व पितृ अमावस्या पर ऐसे दें विदाई—
ज्योतिष अनुसार सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करते वक्त ब्राह्माणों को भोजन कराएं इसे जरूरी माना गया है साथ ही गाय, कुत्ते, कौवे और ची​टी को भी भोजन दें। अमावस्या पर पितरों के लिए भोजन में खीर, पूड़ी होना जरूरी माना जाता है इसके साथ ही श्राद्ध और भोजन दोपहर में ही कराएं।
भोजन के साथ ब्राह्माण को दान दक्षिण जरूर दें। इसके बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ भोजन करें और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। माना जाता है कि इस विधि से सर्व पितृ अमावस्या पर पूर्वजों की विदाई करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और सुख समृद्धि सदा बनी रहती है।
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