धर्म-अध्यात्म

कब है भादो मास की अजा एकादशी, जानें पूजा विधि और महत्व

Tara Tandi
26 Aug 2021 3:35 AM GMT
कब है भादो मास की अजा एकादशी, जानें पूजा विधि और महत्व
x
हिंदू धर्मे में एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है. साल में 24 एकादशी पड़ती है.

हिंदू धर्मे में एकादशी का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है. साल में 24 एकादशी पड़ती है. कुछ एकादशी का महत्व अधिक होता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि- विधान से पूजा अर्चना होती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार भादों का छठा महीना होता है. इस महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहा जाता है. इस बार अजा एकादशी का व्रत 3 सिंतबर 2021 को रखा जाएगा.

मान्यता है कि ये दिन भगवान विष्णु को प्रिय होता है. इस दिन इनकी आरधना की जाती है. अजा एकादशी के दिन व्रत करने वाले लोगों को मृत्यु के बाद विष्णु लोक में जगह मिलती है. इस व्रत को करने से आपके सभी पाप दूर हो जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को करने से अश्वमेघ यज्ञ, कठिन तपस्या और तीर्थ दान से अधिक होता है. आइए जानते हैं अजा एकादशी की पूजा विधि और नियमों के बारे में.

एकादशी मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि प्रारंभ 2 सिंतबर 2021 को सुबह 06 बजकर 21 मिनट पर होता है और समाप्त 3 सिंतबर 2021 तो शुक्रवार की सुबह 07 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. व्रत के पारण का समय सुबह 05 बजकर 30 मिनट से सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक रहेगा.

अजा एकादशी व्रत विधि

एकादशी के दिन सुबह – सुबह उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लें. इसके बाद पूजा स्थल या मंदिर में भगवान विष्णु और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें और व्रत कथा का पाठ करें. घर के सदस्यों को चरणामृत का प्रसाद बांटे. एकादशी के पूरे दिन निराहर रहना पड़ता है और शाम के समय फलाहार करना चाहिए. इसके अगले दिन साधु- संतों को भोजन कराकर दक्षिणा देना चाहिए.

अजा एकादशी का महत्व

अजा एकादशी का व्रत करने से श्रद्धालु को पवित्र नदी में स्नान, दान -पुण्य और अश्वमेघ यज्ञ के सामान फल मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख- समृद्धि आती है. एकादशी के दिन विधि -विधान से पूजा अर्चना करने से आपकी सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इस व्रत के फल स्वरूप भगवान विष्णु आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं.

Next Story