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- कब है अहोई अष्टमी, नोट...
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हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं ओर सभी का अपना महत्व होता है लेकिन अहोई अष्टमी को बेहद ही खास माना जाता है जो कि संतान की लंबी आयु और तरक्की के लिए किया जाता है इस दिन माताएं अपनी संतान के लिए दिनभर का उपवास रखती है और पूजा पाठ आदि करती हैं।
पंचांग के अनुसार अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत आदि करने से संतान की सेहत अच्छी बनी रहती है और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अहोई अष्टमी की तिथि और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
अहोई अष्टमी की तिथि और मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर दिन रविवार को किया जाएगा। कार्तिक मास की अष्टमी तिथि का आरंभ 5 नवंबर को दोपहर 1 बजे से आरंभ हो जाएगा और समापन 6 नवंबर को सुबह 3 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में अहोई अष्टमी पूजा का मुहूर्त 5 नवंबर को शाम 5 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर 5 नवंबर को शाम 7 बजे तक रहेगा। वही तारों के दर्शन का समय 5 नवंबर को शाम 5 बजकर 58 मिनट का है।
अहोई अष्टमी के दिन माताएं सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्रों को धारण कर सूर्यदेव को जल अर्पित करती है इसके बाद व्रत पूजन का संकल्प करते हुए पूजा पाठ का अनुष्ठान करती है और दिनभर का उपवास रखती है मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजा आदि करने से संतान का कल्याण होता है और अच्छी सेहत व उन्नति का आशीर्वाद मिलता है।
Tara Tandi
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