धर्म-अध्यात्म

कब और किसके लिए खराब होता है मांगलिक योग, कुंडली में होने पर कभी न करें ये बड़ी गलती

Manish Sahu
28 July 2023 8:49 AM GMT
कब और किसके लिए खराब होता है मांगलिक योग, कुंडली में होने पर कभी न करें ये बड़ी गलती
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धर्म अध्यात्म: अक्सर लोग मांगलिक योग को मांगलिक दोष कहते हैं. जबकि मंगल का किसी विशेष भाव में होना दोष नहीं बल्कि योग होता है. जिसका अच्छा या बुरा दोनों प्रकार का प्रभाव हो सकता है. मुख्य रूप से वैवाहिक जीवन पर अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ सकता है. जरूरी नहीं कि मांगलिक होने पर जीवन में कष्ट ही हो. यह योग शुभफलदायी भी हो सकता है. इसलिए मांगलिक होने पर घबराएं नहीं. न ही इसे हौव्वा बनाएं. यह योग आपके वैवाहित जीवन में खुशियों व सुख सम्वृद्धि का कारण भी हो सकता है.
क्या है मांगलिक योग
ज्योतिष के अनुसार जब मंगल ग्रह व्यक्ति की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें व बाहरवें भाव में हो तो मांगलिक योग कहताला है. मंगल ग्रह की तीन दृष्टियां होती हैं. चौथी, सातवीं और आठवीं दृष्टि. प्रथम भाव में मंगल होने पर उसकी सातवी दृष्टि सप्तम भाव यानि (आपके जीवनसाथी के भाव) पर पड़ती है. चौथे भाव में मंगल होने पर उसकी चौथी दृष्टि सप्तम भाव पर होती है. सातवें भाव में मंगल खुद बैठे होने पर वैवाहित जीवन को प्रभावित करने के साथ अपनी अष्टम दृष्टि से कुटुम्ब बाव को बी देखता है. वहीं आठवें भाव में बैठे मंगल की सातवीं दृष्टि कुटुम्ब भाव पर और बाहरवें भाव में बैठे मंगल की आठवी दृष्टि सप्तम भाव पर होती है.
जब कुंडली में हो मांगलिक योग
इस तरह इन पांच भावों में बैठा मंगल आपके वैवाहिक जीवन व कुटुम्ब भाव को किसी न किसी तरह प्रभावित कर रहा होता. वैवाहिक जीवन का सुख पाने के लिए जरूरी है कि मांगलिक योग वाले लड़के या लड़की का विवाह मांगलिक योग वाले लड़के या लड़की से ही किया जाए.
भूल कर न करें ये बड़ी गलती
ज्योतिष में मंगल ग्रह को पुरुष ग्रह माना गया है. यदि लड़की की कुंडली में मांगलिक योग है और उसका विवाह ऐसे युवक से कर दिया जाए जिसकी कुंडली में तो मांगलिक नहीं तो ऐसे दम्पत्ति का वैवाहिक जीवन सुखी नहीं होता है. ऐसे दम्पति संतान सुख से भी वंचित रह सकते हैं. दोनों के आपस में विचार नहीं मिलते हैं और उनके बीच हमेशाकलह रहती है. वहीं अगर पत्नी व पति दोनों की कुंडली में मांगलिक योग हो तो उनका जीवन सुखमय बना रहता है और उन्हें जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं.
मांगलिक योग होने पर तब आती है दिक्कतें
जीवन में मुख्य रूप से चार प्रकार के सुख होते हैं. पहला पूर्ण आयु, दूसरा अच्छा स्वास्थ्य, तीसरा धन-सुख व पति पत्नी का सुख और चौथा संतान सुख. ज्योतिष शास्त्र में माना गया है कि यदि मांगलिक योग वाले लड़के या लड़की का विवाह ऐसे लड़के या लड़की से करा दिया जिसकी कुंडली में मंगलिक योग नहीं तो वह दम्पत्ति इन चारों प्रकार के सुख में किसी न किसी सुख से अवश्य वंचित रहते हैं.
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