धर्म-अध्यात्म

आंवला नवमी कब, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
31 Oct 2022 6:26 AM GMT
आंवला नवमी कब, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवला के पेड़ की पूजा करने का विधान है।

पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवला के पेड़ की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन आंवला के पेड़ की विधिवत पूजा करने के साथ सपरिवार पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और हर रोग, दोष और भय से छुटकारा मिल जाता है। इस साल आंवला नवमी का पर्व 2 नवंबर को मनाया जा रहा है।

आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं। माना जाता है कि आंवला नवमी के दिन व्रत रखने के साथ आंवला के पेड़ की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं आंवला नवमी की तिथि , शुभ मुहूर्त और महत्व।

आंवला नवमी 2022 शुभ मुहूर्त (Amla Navami 2022 Shubh Muhurat)

नवमी तिथि प्रारम्भ - 1 नवम्बर 2022, मंगलवार को रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू

नवमी तिथि समाप्त - 2 नवम्बर 2022, बुधवार को रात 9 बजकर 9 मिनट तक

आंवला नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 06:34 से दोपहर 12:04 बजे तक

अवधि- 5 घंटे 31 मिनट

आंवला नवमी 2022 का महत्व

आंवला नवमी के दिन दान पुण्य का काफी अधिक महत्व है। माना जाता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ में विराजमान रहते हैं। इसलिए अक्षय नवमी के दिन विधिवत आंवला के पेड़ की पूजा करने के साथ इसकी छाया में बैठकर भोजन करना शुभ माना जाता है। इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने के साथ 108 बार परिक्रमा करने से सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके साथ ही इस दिन व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है।

आंवला नवमी पूजा विधि

आंवला नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने का विधान हैं। इस दिन आंवला की जड़ में जल में कच्चा दूध मिलाकर अर्पित किया जाता है। इसके साथ ही फूल, माला, सिंदूर, अक्षत आदि लगाने के साथ भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही तने में कच्चा सूत या फिर मौली आठ बार लपेट सकते हैं। पूजा के बाद व्रत कथा करी जाती है और पूरे परिवार के साथ शुद्ध शाकाहारी भोजन पेड़ के नीचे बैठकर किया जाता है।


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