धर्म-अध्यात्म

सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें

SANTOSI TANDI
11 Oct 2023 8:16 AM GMT
सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या करें और क्या न करें
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दिन क्या करें और क्या न करें
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। वहीं हर मास के कृष्ण पक्ष की प्रंद्रहवीं तिथि को अमावस्या कहलाती है। आश्विन माह की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
इस तिथि पर परिवार के उन मृत सदस्यों के लिए श्राद्ध किया जाता है। जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि चतुर्दशी तिथि के दिन हुई हो। अब ऐसे में इस तिथि पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके बारे में जानना जरूरी है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन क्या करने चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन क्या करें
सर्व पितृ अमावस्या के दिन कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें करना बहुत शुभ माना जाता है।
सर्व पतिृ अमावस्या के दिन सुबह भोजन और जल ग्रहण करने से पहले स्नान कर लेना चाहिए।
पितृ अमावस्या के दिन सुबह पितृ तर्पण सबसे पहले करना चाहिए।
इस दिन गाय को हरा चारा या हरी घास खिलाएं। क्योंकि गाय को चारा देने से पितृ संतुष्ट हो जाते हैं।
पितृ अमावस्या के दिन संध्या के समय पितरों के लिए दक्षिण दिशा में चौमुखी तेल का दीपक (दीपक जलाने के नियम) रखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यह दीपक देवलोक छोड़ते समय पितरों के मार्ग को दर्शाता है।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन जरूर कराएं और उन्हें वस्त्र, अनाज दान करें। ऐसा माना जाता है कि ब्राह्मणों को दिया वस्त्र, अन्न पितरों के अंश में जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए (Donts of Sarva Pitru Amavasya)
सर्व पितृ अमावस्या के दिन अगर आपके घर कोई भी भिखारी आए, तो उसे दरवाजे से खाली हाथ न लौटाएं।
सर्व पितृ अमावस्या के दिन मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए। वरना इससे पितृ आपसे नाराज हो सकते हैं।
इस दिन नाखून और बाल नहीं काटना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या के दिन किसी भी व्यक्ति को अपशब्द बोलने से बचें। इससे पूर्वज आपसे क्रोधित हो सकते हैं।
इस दिन नए वस्त्र भी नहीं खरीदना चाहिए और न ही पहनना चाहिए, लेकिन अगर आप पितरों के लिए खरीद रहें हैं, तो इसे शुभ माना जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या के दिन गाय, कुत्ता और किसी भी जीव को कोई नुकसान न पहुंचाएं। इससे पितृपक्ष में किए गए उपायों का शुभ फल नहीं मिलता है और व्यक्ति को पितृदोष (पितृदोष उपाय) लग जाता है।
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