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![Hariyali Teej दिन जाने व्रत करते समय क्या न करें Hariyali Teej दिन जाने व्रत करते समय क्या न करें](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/08/09/1228085-hariyali-teej-.webp)
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हरियाली तीज सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जा रही है और इस वर्ष ये 11 अगस्त को पड़ रही है. इस दिन विवाहित महिलाएं देवी पार्वती की पूजा करती हैं, जिससे उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.हरियाली तीज के दिन, महिलाएं मेहंदी लगाकर त्योहार मनाने के लिए एक जगह इकट्ठा होती हैं, वो लोक गीत गाती हैं, झूलों पर बैठती हैं, व्रत रखती हैं और अपने पति के लिए बेहतरीन कपड़े पहनती हैं. शाम के समय, विवाहित महिलाएं 16 आभूषण पहनकर देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं जो सोलह श्रृंगार का एक हिस्सा हैं.
क्यूंकि इस दिन का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है, इसलिए हरियाली तीज पर महिलाओं को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. इसलिए आपको यहां अनुष्ठानों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए हम क्या करें और क्या न करें की एक सूची के साथ हैं, ये याद रखना चाहिए कि क्या वो इस अवसर पर उपवास कर रहे हैं?
करने योग्य
हरे रंग की चूड़ियां पहनें : इसे पति की लंबी उम्र, सेहत और खुशी का प्रतीक माना जाता है. इस दिन महिलाएं मुख्य रूप से हरे रंग का प्रयोग करती हैं.
माता-पिता के घर भेजे गए उपहारों का करें उपयोग : हरियाली तीज पर माता-पिता बेटी को साड़ी, श्रृंगार का सामान, मिठाई, फल आदि भेजते हैं. ऐसा करना शुभ माना जाता है.
सुनिए व्रत कथा : इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को हरियाली तीज की व्रत कथा सुननी चाहिए. इसी के साथ व्रत पूर्ण माना जाता है.
तीज माता के गीत और कहानियां सुनें : इस दिन आपको तीज माता यानी माता पार्वती के गीत, कथाएं, कहानियां सुननी चाहिए.
क्या न करें
पानी न पिएं : ये व्रत निर्जला है, इसलिए व्रत के दौरान पानी पीने से परहेज करें. हालांकि, ये गर्भवती और बीमार महिलाओं पर लागू नहीं होता है.
जीवनसाथी से झूठ न बोलें : व्रत लंबी उम्र और पति की सलामती के लिए है. ऐसे में जीवनसाथी को धोखा न दें या झूठ न बोलें.
काले और सफेद कपड़ों से बचें : इस व्रत में सफेद और काले कपड़ों का प्रयोग वर्जित माना गया है.
न सोएं : ये भी एक प्रथा है कि तीज के व्रत के दौरान नहीं सोना चाहिए. रात्रि में माता का भजन-कीर्तन करें.
किसी के बारे में बुरे विचारों से बचें : हिंदू धर्म में कहा गया है कि व्यक्ति को मन, कर्म और वाणी से शुद्ध होना चाहिए. यानी किसी के बारे में
बुरा न सोचें, गलत काम न करें और किसी के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग न करें.
पर्यावरण को न पहुंचाएं नुकसान : हरियाली यानी प्रकृति और मां पार्वती को प्रकृति का रूप माना गया है. इसलिए व्रत रखने वालों को किसी भी तरह से प्रकृति या पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए.
नोट – यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
![Tara Tandi Tara Tandi](/images/authorplaceholder.jpg?type=1&v=2)