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धर्म-अध्यात्म
आमलकी एकादशी के दिन कौन-से उपाय करना होगा शुभ, जानिए
Ritisha Jaiswal
24 March 2021 9:24 AM GMT
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फाल्गुन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि एकादशी और दिन गुरुवार है। एकादशी तिथि सुबह 9 बजकर 48 मिनट तक रहेगी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | फाल्गुन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि एकादशी और दिन गुरुवार है। एकादशी तिथि सुबह 9 बजकर 48 मिनट तक रहेगीफाल्गुन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि एकादशी और दिन गुरुवार है। एकादशी तिथि सुबह 9 बजकर 48 मिनट तक रहेगीफाल्गुन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि एकादशी और दिन गुरुवार है। एकादशी तिथि सुबह 9 बजकर 48 मिनट तक रहेगीफाल्गुन शुक्ल पक्ष की उदया तिथि एकादशी और दिन गुरुवार है। एकादशी तिथि सुबह 9 बजकर 48 मिनट तक रहेगी | उसके बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी जोकि शुक्रवार सुबह 8 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के वृक्ष की पूजा का विधान है। दरअसल आंवले का एक नाम आमलकी भी है और इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा के चलते ही इस एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है।
आमलकी एकादशी के दिन भगवान को हल्दी, तेल चढ़ाने की रस्म भी निभायी जाती है और भगवान के चरणों में अबीर-गुलाल चढ़ाया जाता है । साथ ही शाम के समय भगवान की रजत मूर्ति, यानी चांदी की मूर्ति को पालकी में बिठाकर बड़े ही भव्य तरीके से रथयात्रा निकाली जाती है। पूरे साल पड़ने वाली एकादशी में यह एकादशी काफी खास मानी जाती है अगर आप बिजनेस संबंधी किसी काम में अपनी सफलता सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो आज आपको आंवले का वृक्ष लगाना चाहिए और पूरे एक महीने तक उसकी देखभाल करनी चाहिए।
अगर आपको अपने विवाह के लिये या अपनी संतान के विवाह के लिये कोई अच्छा रिश्ता नहीं मिल पा रहा है, तो आज सुबह स्नान आदि के बाद आंवले के वृक्ष के पास जाकर वहां आस-पास की भूमि को अच्छे से साफ करके, भूमि पर गोबर का लेप करें और पेड़ की जड़ में एक वेदी बनाकर उस पर कलश स्थापित करें और सभी देवगणों, तीर्थों और सागर के जल को कलश में आमंत्रित करें। इसके बाद कलश के ऊपर पांच आंवले के पत्ते रखें और संभव हो तो कलश पर चंदन का लेप करें। फिर कलश को लाल या पीले रंग के साफ, कोरे कपड़े से ढक कर उस पर श्री विष्णु भगवान की मूर्ति या तस्वीर रखें। फिर विधि-पूर्वक धूप-दीप जलाकर भगवान की पूजा करें। लेकिन अगर आंवले के वृक्ष के पास जाकर ये सारी पूजा विधि करना आपके लिये संभव ना हो, तो घर पर ही आंवले के वृक्ष की एक टहनी लाकर, उसे उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करके, उसकी विधि-पूर्वक पूजा करें और कल द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन कराकर दक्षिणा सहित कलश और भगवान की मूर्ति दान कर दें।
अगर आप जिन्दगी के नये आयाम स्थापित करना चाहते हैं, तो आज आपको 21 ताजा पीले फूल लेकर उनकी माला बनानी चाहिए और श्री हरि को अर्पित करनी चाहिए। साथ ही भगवान को खोए की मिठाई का भोग लगाना चाहिए।अगर आप मनचाहा प्यार पाना चाहते हैं, तो आज आपको विधि-पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उन्हें आंवले का फल अर्पित करना चाहिए।
अगर आप जीवन में ऐश्वर्य पाना चाहते हैं, तो आज आपको सुबह स्नान आदि के बाद श्री विष्णु भगवान की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और भगवान को एकाक्षीनारियल अर्पित करना चाहिए। पूजा के बाद भगवान को चढ़ाए एकाक्षी नारियल को एक पीले रंग के कपड़े में बांधकर, संभालकर अपने पास रख लें।अगर ऑफिस में आपके विपरीत कोई स्थिति बन गई है, तो आज आपको आंवले के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए और आंवले की जड़ की थोड़ी-सी मिट्टी लेकर माथे पर तिलक लगाना चाहिए।अगर आप अपने काम का दोगुना लाभ पाना चाहते हैं, तो आज आपको आंवले के पेड़ को या उसके फल को स्पर्श करके प्रणाम करना चाहिए।अगर आप अपने जीवनसाथी की कोई इच्छा पूरी करना चाहते हैं, तो आज आपको आंवले के पेड़ के तने पर सात बार सूत का धागा लपेटना चाहिए। साथ ही पेड़ के पास घी का दीपक जलाना चाहिए।
Ritisha Jaiswal
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