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हिंदू धर्म के नववर्ष की शुरुआत चैत्र प्रतिपदा से होती है.
हिंदू धर्म में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि प्रारंभ होती है. इसी दिन से विक्रम संवत बदलता है और सनातनी कैलेंडर शुरू होता है. इस साल विक्रम संवत 2080 है और इसी दिन से हिंदू नववर्ष प्रारंभ होगा जिसे सनातनी धूमधाम से पूजा-अर्चना करके मनाते हैं. लेकिन बहुत से लोगों के मन में सवाल रहता है कि आखिर विक्रम संवंत की शुरुआत किसने, कब और क्यों की थी. तो चलिए आपको यहां इससे जुड़ी हर बात बताते हैं जिससे आपके मन में विक्रम संवत से जुड़े हर सवाल का जवाब बैठ जाए.
विक्रम संवत की शुरुआत कब और किसने की? (Vikram Samvat History in Hindi)
ऐसा माना जाता है कि 57 ईसा पूर्व विक्रम संवत की शुरुआत सम्राट विक्रमादित्य ने की थी. विक्रम संवत का हिंदू धर्म में विशेष स्थान बताया गया है. विक्रम संवत बहुत पुराना है, सांस्कृतिक इतिहास की दृष्टि से यब सबसे प्रचलित है. ऐसा माना जाता है कि सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने अपने साम्राज्य का पूरा कर्ज चुकाकर आम आदमी में शामिल हो गए थे तभी विक्रम संवत की शुरुआत की थी. उन्होंने इसकी शुरुआत चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा को की थी तभी से विक्रम संवत शुरू हुआ और इसी दिन हिंदू नववर्ष शुरू होता है. विक्रम संवत का इतिहास अति प्राचीन है और इसी का प्रमाण है कि सनातन धर्म कितना पुराना है. इसमें तिथियों और नक्षत्रों का सही स्पष्टीकरण बताया गया है. किसी नए संवत को चलाने की एक शास्त्रीय विधि होती है जिसके अनुसार राजा को अपने साम्राज्य का पूरा ऋण चुकाना होता है जिसमें प्रजा का व्यक्तिगत ऋण भी शामिल है.
विक्रम संवत क्या है (What is Vikram Samvat)
हिंदू धर्म के नववर्ष की शुरुआत चैत्र प्रतिपदा से होती है. इसी दिन से विक्रम संवत भी बदलता है क्योंकि विक्रम संवत एक कैलेंडर है जो उज्जैन के महाराजा चंद्रगुप्त सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर पड़ा. उन्होंने आज से लगभग 1279 वर्ष पूर्व यानी 57 ईसा पूर्व विक्रम संवत की शुरुआत की थी. विक्रम संवत के अनुसार, भारत के सांस्कृतिक मूल्य जुड़े हैं. चैत्र मास की शुक्त प्रतिपदा से नव वर्ष प्रारंभ होता है जो विक्रम संवत के अनुसार ही चलता है. 22 मार्च, 2023 को शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा है और इसी दिन से नवरात्रि के साथ विक्रम संवत 2080 प्रारंभ हो जाएगा. इसी दिन हिंदू धर्म के लोग नववर्ष प्रारंभ करेंगे जिसमें सबसे पहले वे नारंगी रंग के झंडे को मंदिरों और घरों में लगाते हैं.
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HARRY
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