- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- क्या है संतोषी माता के...
x
शुक्रवार व्रत का महत्व; शुक्रवार या वीकेंड का दिन अक्सर आरामदायक और खुशियों भरा होता है, लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह एक महत्वपूर्ण दिन हो सकता है। इस दिन देवी मां संतोषी और ग्रह शुक्र की पूजा की जाती है, जिनका व्रत बड़े आनंद से मनाया जाता है। इस व्रत के माध्यम से लोग अपने जीवन में सुख, संतोष, धन लाभ, और आकर्षण की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
शुक्रवार व्रत का महत्व:
शुक्रवार का दिन माँ संतोषी को प्रसन्न करने के लिए खास माना जाता है। संतोषी मां का व्रत आपके जीवन में सुख, संतोष, और समृद्धि को बढ़ावा देता है। इस व्रत के द्वारा भक्त अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं और संतोषी मां से आशीर्वाद मांगते हैं।
शुक्रवार के व्रत का आयोजन:
इस व्रत को विशेष तरीके से मनाया जाता है। सुबह सबसे पहले, व्रती नहाकर सफेद कपड़े पहनते हैं, क्योंकि सफेद रंग को इस दिन का महत्व दिया जाता है। फिर व्रती देवी संतोषी मां की पूजा करते हैं, जिसमें चना और गुड़ का भोग चढ़ाते हैं। पूजा के दौरान, सफेद रंग के फूल और चावल उपयोग किए जाते हैं। भोजन में भी सफेद रंग के आहार को प्राथमिकता दी जाती है, जैसे कि खीर या पायसम।
व्रत की अवधि:
शुक्रवार व्रत की अवधि आमतौर पर 16 शुक्रवार तक रखी जाती है, जिसे "सोलह शुक्रवार" के नाम से जाना जाता है। व्रत के दौरान व्रती ध्यानपूर्वक पूजा और प्रार्थना करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की प्राप्ति के लिए संतोषी मां का आशीर्वाद मांगते हैं।
मंत्र और जाप:
इस व्रत के दौरान, व्रती संतोषी मां के मंत्र का जाप कर सकते हैं, जैसे कि:
"ओम श्री संतोषी महामाया गजानंदम दायिनी, शुक्रवर प्रिये देवी नारायणी नमोस्तुते"
इसके अलावा, व्रती शुक्र बीज मंत्र का भी जाप कर सकते हैं, जिसका मान्यता से शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ावा देता है:
"ओम द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः"
व्रत के फायदे:
शुक्रवार व्रत का पालन करने से विवाह, वैवाहिक जीवन, धन, आराम, और आकर्षण में सुधार हो सकता है। इस व्रत के माध्यम से व्रती शुक्र ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करके अपने जीवन को खुशी और समृद्धि से भर सकते हैं।
इस तरह, शुक्रवार व्रत न केवल आपके आध्यात्मिक दृष्टिकोण को मजबूत करता है, बल्कि आपके जीवन को भी सुखमय और समृद्धि से भर देता है।
Next Story