धर्म-अध्यात्म

शमी वृक्ष का धार्मिक महत्व क्या है, जाने क्यों करते हैं इसकी पूजा

Bhumika Sahu
22 Oct 2021 5:25 AM GMT
शमी वृक्ष का धार्मिक महत्व क्या है, जाने क्यों करते हैं इसकी पूजा
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Shami Plant Significance: धार्मिक रूप से शमी के वृक्ष का बहुत महत्व है. जिस व्यक्ति पर शनि का दुष्प्रभाव चल रहा हो उसे अपने घर में शमी का वृक्ष लगाना चाहिए. आइए जानते हैं शमी वृक्ष के महत्व और प्रभाव के बारे में..

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कहते हैं कि हर एक पौधा का अपना ही खास महत्व होता है. हर एक पौधा अपने अंदर एक विशेष गुण रखता है. कुछ पौधे सुंदरता को बढ़ाते हैं तो कुछ रंग, सुगंध, फल और फूल अलग-अलग रूपों को पेश करते हैं. लेकिन कुछ पौधे पूजा अर्चना के लिए भी खास होते हैं. इन्हीं में से एक है शमी का वृक्ष (Shami plant).

शनि से सम्बन्ध रखने वाले इस पौधे का नाम शमी है. जीवन की तमाम पीड़ा और परेशानियों को दूर करने का काम शमी का पौधा करता है. इस पौधे की हर रोज पूजा अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता है.
क्या है शमी के पौधे का धार्मिक महत्व
पुराणों की मानें को प्रभु श्रीराम ने लंका पर आक्रमण के करने से पहले इस खास पौधे की पूजा की थी. इतना ही नहीं पांडवों ने अज्ञातवास के वक्त अस्त्र-शस्त्र भी इसी वृक्ष पर छुपाए थे. इसीलिए इस पौधे को सबसे ज्यादा शक्तिशाली भी माना जाता है.
कब और कहां करें शमी की स्थापना
– शमी का पौधा घर में लगाना बेहद शुभ है, लेकिन विजयादशमी को लगाना सबसे उत्तम होता है.
– अगर आप शनिवार के दिन भी इस खास पौधे को लगाते हैं तो भी अच्छा होता है.
– इस शुभ पौधे को घर में गमले में या भूमि पर मुख्य द्वार के निकट लगाना अच्छा माना जाता है.
– अगर आपके घर में ये पौधा है तो कोशिश करें ये कभी भी सूख ना पाए.
कैसे करें इस पौधे की पूजा
– घर में लगाएं हुए शमी के पौधे के नीचे हर शनिवार को दीपक जलाएं.
-शिव भगवान पर शमी का एक पत्ता रोज चढ़ाना बेहद शुभ होता है.
-शमी के पौधे पर हर रोज नहाने के बाद जल चढ़ाना चाहिए
-पूजा पाठ में भी इस पौधे के पत्तों का खास महत्व होता है
-कहते हैं कि किसी अच्छे काम के लिए घर से जाने से पहले इस पौधे का दर्शन करके ही निकलना चाहिए.
– इस पौधे की रोज पूजा करने से हर प्रकार की पीड़ा का नाश होता है.
– इस पौधे की पूजा करने से हर एक परेशानी दूर होती है और धन धान की बढोत्तरी होती है.
– अगर शनि के कारण स्वास्थ्य या दुर्घटना की समस्या है, तो शमी की लकड़ी को काले धागे में लपेट कर धारण करें.


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